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Commodity market: कच्चे तेल की कीमतों में उछाल, जानिए क्या है वजह और किस कमोडिटीज में बनेगा पैसा

गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि गर्मियों के सीजन में ब्रेंट 80 डॉलर तक जा सकता है।

अपडेटेड May 05, 2021 पर 1:32 PM
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कच्चे तेल की कीमतों में जोरदार उछाल देखने को मिल रहा है। ब्रेंट के दाम फिर बढ़कर 70 डॉलर के करीब पहुंच गए हैं। अमेरिका और यूरोप में लॉकडाउन में ढील से डिमांड बढ़ने की उम्मीद है जिससे क्रूड में तेजी दिखी है। इसके अलावा अमेरिका में इंवेंट्री घटने से भी क्रूड को तेजी का एक और ट्रिगर मिला है। गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि गर्मियों के सीजन में ब्रेंट 80 डॉलर तक जा सकता है।

कल की गिरावट के बाद आज सोने में छोटे दायरे में कारोबार। अमेरिकी ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट येलन के कल के बयान के बाद दरों में बढ़ोतरी को लेकर कयास लगने लगे हैं जिससे ऊपरी स्तर पर दबाव लेकिन डॉलर में कमजोरी से कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।

क्रूड में उछाल

ब्रेंट के दाम 70 के बेहद करीब पहुंच गई है। क्रूड के दाम 7 हफ्ते की ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है। इस साल में अब तक क्रूड में 35 फीसदी की तेजी देखने को मिली है। US, यूरोप में लॉकडाउन में ढील से तेजी आई है। US में तेजी से हो रहे वैक्सीनेशन से सपोर्ट मिला है। चीन के अच्छे आर्थिक आंकड़ों से सपोर्ट मिला है। दूसरी छमाही में मजबूत डिमांड का अनुमान है। US क्रूड इंवेंट्री में 77 लाख बैरल की गिरावट आई है । गोल्डमैन सैक्स ने कहा कि गर्मियों के सीजन में ब्रेंट 80 डॉलर तक जा सकता है। वहीं सिटी  का कहना है कि गर्मियों में डिमांड 101.5 mbpd तक जा सकती है।


मेटल्स में चमक

मजबूत डिमांड और तंग सप्लाई से मेटल्स में तेजी देखने को मिल रही है। चीन और US के अच्छे आर्थिक आंकड़ों से सपोर्ट मिल रहा है। बेहतर डिमांड के अनुमान से मेटल्स को सपोर्ट मिल रहा है। चिली के कॉपर उत्पादन में लगातार 10वें महीने गिरावट आई है। Citi का अनुमान है कि साल के अंत कॉपर 12,000 डॉलर  तक जा सकता है।  वहीं Goldman Sachs का कॉपर पर 11,000 डॉलर का लक्ष्य दिया है


कमोडिटीज में तेजी

कमोडिटीज के दाम 2011 के बाद सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गए है। Bloomberg Commodity Index 10 साल की ऊंचाई पर कारोबार कर रहा है। बड़ी इकोनॉमी में रिकवरी से कमोडिटी डिमांड बढ़ी है। चीन के इंपोर्ट में भारी बढ़त से कमोडिटीज में तेजी आई है। खराब मौसम से कई फसलों की सप्लाई में कमी देखने को मिली है। ब्राजील, US, यूरोप में सूखे मौसम से उत्पादन में कमी आई है। ट्रांसपोर्टेशन में दिक्कतों का भी सप्लाई पर असर देखने को मिल रहा है।

सोना छोटे दायरे में

MCX पर सोना 47,000 रुपये  के करीब निकल गया है। डॉलर में कमजोरी से सोने को मदद मिली है। US दरों में बढ़ोतरी की संभावना से दबाव बना हुआ है। US ट्रेजरी सेक्रेटरी जेनेट येलन ने  बयान बदला है। येलन ने पहले दरों में बढ़ोतरी के संकेत दिए लेकिन बाद में उन्होने महंगाई की चिंता को खारिज किया है। US इकोनॉमी में 1980 के बाद सबसे तेज ग्रोथ देखने को मिली है।


चांदी में सुस्ती

चांदी 70,000 रुपये के नीचे फिसली है। इंडस्ट्रियल डिमांड बढ़ने के अनुमान से सहारा मिला है। इस साल कुल डिमांड 15 फीसदी बढ़ने का अनुमान है।

इधर एग्री कमोडिटी की बात करें तो तेल-तिलहन में तेजी का रुझान बना हुआ है। यूरोप और अमेरिका में लॉकडाउन में ढील से डिमांड बढ़ने की उम्मीद है, लेकिन सप्लाई की स्थिति कमजोर है जिससे कीमतों में तेजी जारी है। क्रूड में उछाल का असर भी तेल-तिलहन में दिख रहा है।

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