Agri Commodity: सूत्रों के मुताबिक खाने के तेल की इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ सकती है। सरकार ड्यूटी बढ़ाने पर विचार कर रही है। खाने के तेल की ड्यूटी बढ़ाने पर जल्द हो सकता फैसला है। सूत्रों के मुताबिक 6 महीने में दूसरी बार ड्यूटी बढ़ सकती है। सरकार घरेलू कीमतों को सपोर्ट करना चाहती है। साथ ही सरकार का इंपोर्ट पर निर्भरता घटाना भी लक्ष्य है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कम दरों पर इंपोर्ट से किसानों को नुकसान रहा है।
बता दें कि सितंबर 2024 में भारत ने कच्चे और रिफाइंड वनस्पति तेलों पर 20 फीसदी बेसिक कस्टम ड्यूटी लगाई थी। जिसके बाद कच्चे पाम तेल, कच्चे सोया तेल और कच्चे सूरजमुखी तेल पर 27.5 फीसदी आयात शुल्क लगाया गया, जो पहले 5.5 फीसदी था, जबकि तीन तेलों के रिफाइंड ग्रेड पर अब 35.75 फीसदी इंपोर्ट टैक्स है।
SEA के ईडी बी.वी. मेहता का कहना है कि ड्यूटी बढ़ती है तो इंडस्ट्रीज के किसानों के लिए अच्छा होगा। सोया और सरसों मील के एक्सपोर्ट को भी बढ़ावा मिले। ड्यूटी 20 फीसदी बढ़ने पर भी सोयाबीन में तेजी देखने को मिली जबकि सरसों के दाम गिरे है। ड्यूटी के साथ ड्यूटी का अंतर भी बढ़ाना चाहिए।
उन्होंने आगे कहा कि रिफाइंड तेल की ड्यूटी घटनी चाहिए। जबकि पामोलीन की ड्यूटी बढ़ाने की जरूरत है। ड्यूटी का अंतर बढ़ने पर इंडस्ट्रीज को फायदा मिलेगा।
रबी फसलों के लिए परेशानी?
देश के कई राज्यों में तापमान बढ़ने लगा है। जिसके बाद गेहूं के किसानों को उत्पादन में गिरावट की आशंका सताने लगी है। बढ़ता पारा किसानों के लिए परेशानी बन रहा है। वहीं 70% कम बारिश भी परेशानी बढ़ा रही। नॉर्थ में उत्पादन में गिरावट की आशंका है। मार्च वाली गर्मी 20-30 दिन पहले आई है।
तापमान बढ़ने से गेहूं का उत्पादन गिर सकता है। नॉर्थ के राज्यों में गेहूं का उत्पादन गिर सकता है। दिल्ली, आस-पास के राज्यों में बारिश 59% कम रही। वेस्टर्न-ईस्टर्न UP में बारिश 78-97% कम हुई जबकि पंजाब में भी सामान्य से 65% कम बारिश हुई।
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