Agri Commodity:देश में दलहन का इंपोर्ट घट सकता है। सूत्रों के मिली जानकारी के मुताबिक इसमें 40% तक की गिरावट आ सकती है। सूत्रों के मुताबिक FY26 में दलहन का इंपोर्ट घटने की उम्मीद है। पिछले साल से 40% कम इंपोर्ट की उम्मीद है। उत्पादन बढ़ने के कारण इंपोर्ट में गिरावट संभव है। सरकार के पास 2 मिलियन टन का बफर स्टॉक देखने को मिला।
सूत्रों के मुताबिक 2025-26 में 4.5 मिलियन टन इंपोर्ट की उम्मीद है। 2024-25 में रिकॉर्ड 7.34 मिलियन टन इंपोर्ट था। अप्रैल-अगस्त के बीच ही इंपोर्ट 47% गिरा। 3 अक्टूबर तक दलहन की बुआई 2% ज्यादा है। दलहन में खरीफ फसलों की 30% हिस्सेदारी है।
देश में दलहन का इंपोर्ट अप्रैल-अगस्त 2024-25 में 2.27 मिलियन टन रहा है जबकि 2025-26 अप्रैल-अगस्त में 1.21 मिलियन टन रहा।
Agri Farmer and Trade Association के जनरल सेक्रेटरी सुनील बलदेवा ने कहा कि देश में दालों के दाम बढ़ने पर सरकार ने ड्यूटी फ्री इंपोर्ट को मंजूरी दी थी। हमारे पास माल ज्यादा मात्रा में उपलब्ध है जिसके चलते अब देश में दालों के इंपोर्ट की जरूरत नहीं है। सभी दालें एमएसपी से नीचे इंपोर्ट हो रही है। MSP के कम भाव पर दालों के इंपोर्ट से किसानों, इंडस्ट्री दोनों को नुकसान हुआ।
सुनील बलदेवा ने आगे कहा कि इस साल दलहन की फसल अच्छी रहने की उम्मीद है । चने और मसूर की फसल भी अच्छी होने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि ठंड में दलहन की मांग घट जाती है। खरीब और रबी दोनों में ही दलहन का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। उन्होंने आगे कहा कि MSP से नीचे दालों का इंपोर्ट नहीं होना चाहिए।