चीनी की MSP बढ़ाने को मिल सकती है मंजूरी, ISMA के इस कदम से कार्बन मार्केट में भागीदारी होगी मजबूत

Sugar News: शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने ग्लोबल कार्बन काउंसिल (GCC) के साथ करार किया। ग्लोबल कार्बन काउंसिल ने ISMA के साथ मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किया है

अपडेटेड Nov 25, 2025 पर 1:06 PM
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ISMA ने ग्लोबल कार्बन काउंसिल (GCC) के साथ करार किया।

Sugar News: शुगर एंड बायो-एनर्जी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (ISMA) ने ग्लोबल कार्बन काउंसिल (GCC) के साथ करार किया। ग्लोबल कार्बन काउंसिल ने ISMA के साथ मेमोरेंडम ऑफ़ अंडरस्टैंडिंग (MoU) साइन किया है जिससे कार्बन मार्केट में भारत की भागीदारी को मजबूत किया जा सके। यह करार भारत की भागीदारी मजबूत करने के लिए किया गया है।

इस पार्टनरशिप के ज़रिए GCC और ISMA ग्लोबल कार्बन मार्केट और GCC स्टैंडर्ड्स की समझ बढ़ाने के लिए जॉइंट वेबिनार, वर्कशॉप और ट्रेनिंग सेशन करेंगे। भारतीय फीडस्टॉक और प्रोसेस कंडीशंस के हिसाब से बायोफ्यूल-स्पेसिफिक मेथडोलॉजी और कार्बन-अकाउंटिंग फ्रेमवर्क के डेवलपमेंट पर कैपेसिटी बिल्डिंग करेगा।

GCC और ISMA मिलकर भारत की कार्बन क्रेडिट ट्रेडिंग स्कीम (CCTS) के तहत GCC कार्बन क्रेडिट को पहचान दिलाने और एलिजिबल प्रोजेक्ट्स के लिए होस्ट कंट्री लेटर्स ऑफ़ ऑथराइज़ेशन (HCLOA) को इनेबल करने में मदद करेंगे।


बता दें कि चीनी पर ISMA का उत्पादन अनुमान 343.5 लाख टन है जबकि एथेनॉल डायवर्जन 34.00 लाख टन और घरेलू बाजार के लिए के लिए 309.5 लाख टन है। वहीं एथेनॉल डायवर्जन के बाद मार्केटिंग सीजन 2024-25 के लिए 261.08 लाख टन उत्पादन का अनुमान है। जबकि मार्केटिंग सीजन 2025-26 के लिए 309.50 लाख टन अनुमान है।

देश में गन्ने की बुआई मार्केटिंग सीजन 2024-25 में 57.11लाख हेक्टेयर में हुई जो मार्केटिंग सीजन 2025-26 मामूली बढ़कर 57.35 पर पहुंच गई।

ISMA के DG दीपक बल्लानी ने कहा इंडस्ट्री हमेशा प्राइस प्रेशर में रहती है। GCC के साथ करार से भारतीय इंडस्ट्रीज को फायदा होगा। SAF बनाने में कार्बन क्रेडिट की जरुरत होगी। भारत की कार्बन मार्केट तक पहुंच बढ़ेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय एथेनॉल का कार्बन इंडेक्स दुनिया में सबसे कम है। सरकार जल्द SAF का रोडमैप जारी करेगी।

सरकार चीनी की MSP बढ़ाने को दे सकती है मंजूरी

इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर मिली है कि सरकार चीनी की MSP बढ़ाने को मंजूरी दे सकती है। MSP में करीब 23% बढ़ोतरी की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक केंद्र सरकार गन्ने से बने फीडस्टॉक के लिए एथेनॉल प्रोक्योरमेंट प्राइस भी बढ़ा सकता है। यह कदम केंद्र द्वारा 2025-26 सीज़न (अक्टूबर-सितंबर) के लिए 1.5 मिलियन टन चीनी के एक्सपोर्ट को मंजूरी देने के बाद उठाया जाएगा।

बता दें कि 2019 से MSP में कोई बदलाव नहीं हुआ। 2018-19 में MSP 31 रुपये प्रति किलो तय हुई थी।

गौरतलब है कि इंडस्ट्रीज ज़्यादा प्रोडक्शन कॉस्ट का हवाला देते हुए चीनी के MSP में बढ़ोतरी की मांग काफी समय से करती आई है । MSP में बढ़ोतरी से चीनी मिलों के लिए लिक्विडिटी बढ़ेगी, जिससे उन्हें गन्ना किसानों को पेमेंट करने में मदद मिलेगी।

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