Cotton Price: कॉटन की आवक बढ़ने के साथ ही सरकारी कंपनी कॉटन कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (CCI) की ओर से मिनिमम सपोर्ट प्राइस (MSP) पर इसकी खरीद तेज हो गई है। CCI रोजाना 1 लाख बेल्स से ज्यादा की कॉटन की खरीद कर रहा है। 24 नवंबर को 2 लाख बेल्स से ज्यादा की खरीद हुई। ओडिशा छोड़ सभी राज्यों में खरीद जारी है।
पिछले कुछ महीनों से कपास की कीमतें MSP से नीचे चल रही हैं। निजी व्यापार में कपास की खरीद 6,500 से 7,500 रुपए प्रति क्विंटल के बीच हो रही है, जबकि MSP 8,100 रुपए प्रति क्विंटल है। ऐसे अंतर के कारण किसानों के लिए निजी व्यापार में अपनी उपज बेचना घाटे का सौदा साबित हो रहा है।
किसानों की सुविधा के लिए सीसीआई 570 खरीद केंद्र स्थापित कर रहा है, जिनमें से 400 केंद्र पहले से सक्रिय हैं और रोजाना 15 नए केंद्र जोड़े जा रहे हैं, ताकि कोई किसान परेशान न हो और उसे अपनी फसल बेचने में देरी न झेलनी पड़े।
CAI ने हाल ही में 2025-26 की फसल का अनुमान 305 लाख गांठ (हर गांठ 170 kg) लगाया था, जो पिछले साल के 312.40 लाख गांठ से 2 परसेंट कम है। दूसरी ओर यार्न (धागा) की मांग कमजोर पड़ने से मिलें पहले जितनी तेजी से खरीद नहीं कर रहीं। कई बड़ी मिलें विदेशी कपास खरीदने में रुचि दिखा रही हैं।
21 नवंबर 2025 तक CCI ने पंजाब से 0.13 लाख क्विंटल की खरीदारी की। हरियाणा से 1.20 लाख क्विंटल, राजस्थान से 2.03 लाख क्विंटल, गुजरात से 0.33लाख क्विंटल, महाराष्ट्र से 4.26 लाख क्विंटल, मध्य प्रदेश से 2.74 लाख क्विंटल, आंध्र प्रदेश से 1.44 लाख क्विंटल, कर्नाटक से 5.31 लाख क्विंटल और तेलंगाना से 20.11 लाख क्विंटल कॉटन की खरीदारी की।