केंद्र सरकार ने घरेलू टेक्सटाइल को बड़ी राहत देते हुए कपास यानी कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी छूट को 3 महीने तक बढ़ाने का फैसला किया है। सरकार ने कॉटन पर इंपोर्ट ड्यूटी छूट को अब बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 कर दिया है, जो अभी 30 सितंबर 2025 तक था। सेंट्रल बोर्ड ऑफ इनडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) ने गुरुवार 28 अगस्त को इस संबंध में नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया।
सरकार ने पहले 19 अगस्त से 30 सितंबर 2025 तक कच्चे कॉटन के इंपोर्ट पर सभी कस्टम ड्यूटी को अस्थायी रूप से खत्म कर दिया था। इसका उद्देश्य घरेलू बाजार में कॉटन की कीमतों को स्थिर करना और टेक्सटाइल इंडस्ट्री को राहत पहुंचाना था।
केंद्र सरकार के 19 अगस्त के बयान में कहा गया था, "इस फैसले से यार्न, फैब्रिक, परिधान और रेडीमेड गारमेंट्स सहित पूरे टेक्सटाइल वैल्यू चेन में इनपुट लागत कम करने में मदद करेगा। साथ ही निर्माताओं और ग्राहकों दोनों को जरूरी राहत पहुंचाएगा।"
अमेरिकी टैरिफ से पहले से दबाव में टेक्सटाइल इंडस्ट्री
भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री इस समय अमेरिकी टैरिफ की वजह से दबाव झेल रही है। अमेरिका ने 27 अगस्त से भारत के टेक्सटाइल और दूसरे समानों के एक्सपोर्ट पर 50% इंपोर्ट टैरिफ लगा दिया है। इसमें 25% बेस टैरिफ और 25% अतिरिक्त पेनल्टी शामिल है। यह पेनल्टी रूस से तेल खरीदने के चलते लगाई गई है और 27 अगस्त से लागू हो चुकी है।
तुलना करें तो यह दर बांग्लादेश और वियतनाम के लिए केवल 20% और चीन के लिए 30% है। ऐसे में इस टैरिफ से भारत की कॉम्पिटिटीव बढ़त को गहरी चोट पहुंची है।
इंडस्ट्री की मांग पर फैसला
कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन टेक्सटाइल इंडस्ट्री (CITI) समेत इंडस्ट्री के कई संगठनों ने सरकार से कॉटन इंपोर्ट पर ड्यूटी हटाने की मांग की थी, ताकि भारतीय इंडस्ट्री ग्लोबल स्तर पर प्रतिस्पर्धा कर सके।
इस छूट से पहले कॉटन आयात पर 11% ड्यूटी लगती थी। अब ड्यूटी में छूट दिसंबर तक बढ़ने से कंपनियों और एक्सपोर्टरों को थोड़ी राहत मिलेगी, खासकर ऐसे समय में जब अमेरिकी टैरिफ की वजह से लागत और मुनाफा दोनों प्रभावित हो रहे हैं।