केरल में नारियल और नारियल तेल की कीमतों में जबरदस्त बढ़ोतरी देखी जा रही है। इसकी वजह से आम उपभोक्ता काफी परेशान हैं। जनवरी 2025 की शुरुआत में जहां नारियल तेल की कीमत 200 रुपये प्रति लीटर से भी कम थी, अब यह दोगुनी से ज्यादा होकर 450 रुपये प्रति लीटर के पार पहुंच गई है। इसी तरह, छिलके वाले नारियल के दाम 75 से 90 रुपये प्रति किलो तक पहुंच गए हैं।
इस तेजी का सीधा असर घरेलू रसोई, होटलों और केटरिंग यूनिट्स पर पड़ा है। कई जगहों पर नारियल और नारियल तेल का इस्तेमाल कम करना पड़ रहा है, जिससे पारंपरिक व्यंजनों के स्वाद से समझौता करना पड़ रहा है और कई बार इन्हें मेन्यू से हटाना भी पड़ रहा है। कैटरिंग एसोसिएशन के जिला महासचिव बालन कल्याणी के मुताबिक, पिछले साल जुलाई में एक लीटर नारियल तेल 170 रुपये और एक किलो नारियल 32 रुपये था, लेकिन अब कई कैटरिंग व्यवसायों के लिए लागत संभालना मुश्किल हो गया है। उनका कहना है कि नारियल और नारियल तेल के बिना कई व्यंजनों का असली स्वाद नहीं आ सकता, खासकर मछली करी और पारंपरिक पकवानों में।
परिवारों के लिए भी यह बढ़ोतरी रोजमर्रा के भोजन को चुनौतीपूर्ण बना रही है। कई परिवारों ने नारियल दूध या तेल का उपयोग कम कर दिया है, जिससे बच्चों के पसंदीदा स्नैक्स और पारंपरिक व्यंजन बनाना मुश्किल हो गया है। सामुदायिक रसोई और होटलों को भी अब सनफ्लावर ऑयल या पाम ऑयल जैसे सस्ते विकल्प अपनाने पड़ रहे हैं, जिससे स्वाद में बदलाव आ गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यही रुझान जारी रहा तो ओणम त्योहार तक नारियल तेल की कीमत 600 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच सकती है। इस साल 5 सितंबर को ओणम का त्योहार है। इसकी मुख्य वजह कोपरा (सूखे नारियल) की कमी है, जिससे तेल की आपूर्ति कम हो रही है और कीमतें लगातार ऊपर जा रही हैं। दक्षिण-पूर्व एशिया में भी खराब उत्पादन ने संकट को और बढ़ा दिया है।