एग्री कमोडिटी की बात करें तो हल्दी में NCDEX पर कल 6 फीसदी का लोअर सर्किट लगता नजर आया। कारोबारियों के अगस्त डिलिवरी नहीं उठाने से हल्दी पर दबाव बना है। हल्दी पिछले 10 दिन में 8 फीसदी एक महीने में 15 फीसदी टूटी है। बरसात के सीजन में इसकी घरेलू डिमांड गिरने से भी दबाव बना है। घरेलू मांग के साथ ही एक्सपोर्ट डिमांड में भी थोड़ी नरमी आई है। कारोबारियों का हल्दी के मुकाबले जीरा और धनिया पर ज्यादा फोकस है। मजबूत मांग से धनिया और जीरे में कारोबारियों का रुझान ज्यादा है जिसका असर हल्दी पर देखने को मिल रहा है।
हल्दी के आगे के आउटलुक पर बात करें तो जानकारों का कहना है कि फेस्टिवल सीजन में फिर से इसकी मांग लौटने की उम्मीद है। अक्टूबर से शादियों के सीजन में भी डिमांड बढ़ेगी। सितंबर-अक्टूबर से यूरोप से अच्छी डिमांड संभव है। आंध्र प्रदेश में बुआई पिछले साल से करीब 2.5 फीसदी अधिक हुई है। महाराष्ट्र में भारी बारिश से फसलों को थोड़ा नुकसान हुआ।
बाजार में हल्दी की चाल पर नजर डालें तो एक हफ्ते में हल्दी 8 फीसदी टूटी है। वहीं, 1 महीने में इसमें 15 फीसजी की कमजोरी आई है। जबकि कैलेंडर ईयर 2022 में अब तक हल्दी में 30 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है। वहीं, 1 साल में इस कमोडिटी में 6 फीसदी की कमजोरी आई है।
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