Crude Oil Price: इराक से सप्लाई बहाल होने की खबरों से कच्चे तेल में दबाव देखने को मिल रहा है। एक दिन में ब्रेंट 4% गिरकर $67 के नीचे फिसला है। WTI क्रूड में भी $64 के नीचे कारोबार देखने को मिल रहा है जबकि MCX पर कच्चे तेल का भाव 5650 के नीचे फिसल गया है।
बाजार को सप्लाई बढ़ने की उम्मीद है। गाजा सीजफायर की संभावना बढ़ी है। 5 अक्टूबर को OPEC+ की बैठक होगी। नवंबर में भी उत्पादन बढ़ना संभव है। 1.37 लाख BPD बढ़ोतरी की उम्मीद है।
इस बीच अमेरिका और इज़राइल गाजा में युद्ध समाप्त करने के लिए एक 20-सूत्रीय योजना पर सहमत हो गए, लेकिन हमास की प्रत्यक्ष भागीदारी के बिना शांति की संभावनाएं अस्पष्ट रहीं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस रूपरेखा को मध्य पूर्व के अन्य नेताओं का समर्थन प्राप्त है।
बता दें कि कुछ दिन पहले ही खबर आई थी कि इराक ने कुर्दिस्तान क्षेत्र से तेल निर्यात को दो साल से ज्यादा समय के बाद फिर से शुरू कर दिया है। इस कदम से वैश्विक बाजार में करीब 2.50 लाख बैरल प्रतिदिन की अतिरिक्त सप्लाई होगी। तेल मंत्री Hayyan Abdul Ghani ने कहा था कि निर्यात की बहाली से अंतरराष्ट्रीय स्पलाई बढ़ेगी, जबकि पहले से ही वैश्विक बाजार में ज्यादा उत्पादन की चिंता है। अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने अगले साल रिकॉर्ड स्तर पर सप्लाई बढ़ने की आशंका जताई है।
तेल की कीमतों पर बात करते हुए MIRAE एसेट शेयरखान मो. इमरान ने कहा कि कच्चे तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जियोपॉलिटिकल टेंशन के कारण देखने को मिल रही है। कच्चे तेल की कीमतें एक बार 5450 रुपये के नीचे आ सकती है । रुस-यूक्रेन वार क्रूड के लिए फंडामेटल सपोर्ट का काम कर सकती है।
अक्तूबर में कच्चे तेल की कीमतें 5900- 5500 के रेंज में रह सकती है। जियो पॉलिटिकल टेंशन और यूक्रेन के रूस पर हमले से कच्चा तेल $60 के नीचे जाता नहीं दिखता।
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