Commodity Market: सरसों मील एक्सपोर्ट में भारी उछाल, चीन की खरीद से मार्केट में सरसों की डिमांड बढ़ी

Commodity Market: चीन में सरसों की मांग लगातार बढ़ रही है। नतीजा भारत का चीन को सरसों मील का एक्सपोर्ट में भारी उछाल आया है। देश का सरसों मील का एक्सपोर्ट बढ़ा। सरसों मील की मांग चीन में सबसे ज्यादा है। ऑयल मील एक्सपोर्ट 3% की दर से बढ़ा

अपडेटेड Nov 19, 2025 पर 1:19 PM
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सरसों खल (रेपसीड मील) में चीन की जबरदस्त मांग के कारण भारत से ऑयल मील का एक्सपोर्ट अप्रैल- अक्टूबर 2025-26 के 7 महीनों में बढ़कर 24.64 लाख टन पर पहुंच गया

Commodity Market: चीन में सरसों की मांग लगातार बढ़ रही है। नतीजा भारत का चीन को सरसों मील का एक्सपोर्ट में भारी उछाल आया है। देश का सरसों मील का एक्सपोर्ट बढ़ा। सरसों मील की मांग चीन में सबसे ज्यादा है। ऑयल मील एक्सपोर्ट 3% की दर से बढ़ा है।अप्रैल-अक्टूबर तक ऑयल मील एक्सपोर्ट बढ़ा। इंटरनेशनल मार्केट में सरसों मील का भाव कम हुए। सरसों मील का भाव $217 प्रति टन है।

सरसों खल (रेपसीड मील) में चीन की जबरदस्त मांग के कारण भारत से ऑयल मील का एक्सपोर्ट अप्रैल- अक्टूबर 2025-26 के 7 महीनों में बढ़कर 24.64 लाख टन पर पहुंच गया जो वर्ष 2024-25 के इन्हीं महीनों के शिपमेंट 23.88 लाख टन से 6 हजार टन रहा।

इसी अवधि के दौरान चीन में भारत से इसका कुल शिपमेंट करीब 15 हजार टन से कई गुणा उछलकर 5.81 लाख टन पर पहुंच गया।

देश का सरसों मील का एक्सपोर्ट अप्रैल- अक्टूबर 2025-26 में बढ़कर 12.52 लाख टन पर पहुंच गया जो वर्ष 2024-25 के इन्हीं महीनों के 11.76 लाख टन पर रहा। आमतौर पर अक्टूबर और नवंबर में रेपसीड बोते हैं। इस साल अब तक उन्होंने 41 लाख हेक्टेयर में बुवाई की है, जो पिछले साल इसी समय की तुलना में 13.5 फीसदी ज्यादा है। देश ने पिछले साल 90 लाख हेक्टेयर में रेपसीड की बुवाई की थी, जो पांच साल के औसत 79 लाख हेक्टेयर से अधिक है।

विजय सॉल्वेक्स के एमडी विजय डाटा ने कहा कि ट्रंप टैरिफ के कारण चीन भारत से इंपोर्ट ज्यादा कर रहा है। भारत का चीन के इंपोर्ट ज्यादा, एक्सपोर्ट कम है। बीते 6 महीनो में भारत का मील का एक्सपोर्ट बढ़ा है। कनाडा पर टैरिफ ज्यादा होने से भारत को फायदा मिला है।


सरसों की बुआई पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि शुरुआत में सरसों की बुआई बढ़ी है लेकिन अब घटी है। पहले 10 फीसदी बुआई बढ़ने की उम्मीद थी। सरसों के किसान गेहूं की तरफ बढ़ गए है।

उन्होंने बताया कि देश में सरसों की कीमतों में थोड़ी तेजी आई है लेकिन कीमतें यहां से और नहीं बढ़ेगी। जब तक नई फसल नहीं आती दाम गिरने वाले नहीं है।

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