बीते सप्ताह ग्लोबल मार्केट मोटे तौर पर पॉजिटिव नोट पर बंद हुए। मार्केट्स को अमेरिकी महंगाई के डेटा से सपोर्ट मिला, जो अनुमान से कम रही। इससे 2026 में कम इंटरेस्ट रेट्स का आउटलुक बेहतर हुआ और AI से जुड़े स्टॉक्स में रिकवरी हुई। करेंसी मार्केट में US डॉलर में मामूली रिकवरी हुई। यह दो महीने से ज्यादा के निचले लेवल 98 से लगभग 1 प्रतिशत बढ़ा और हफ्ते के आखिर में 0.3 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ 98.7 पर बंद हुआ। यह रिकवरी US की ग्रोथ में नए भरोसे के बजाय जापानी येन में कमजोरी की वजह से ज्यादा रही।
बैंक ऑफ जापान के अपनी पॉलिसी रेट को 0.25 प्रतिशत बढ़ाकर 30 सालों के हाई 0.75 प्रतिशत पर पहुंचा दिया। इससे येन पर दबाव आया। इससे डॉलर को इनडायरेक्टली सपोर्ट मिला। दूसरी तरफ, यूरोपियन सेंट्रल बैंक ने लगातार चौथी मीटिंग में ब्याज दर में कोई बदलाव नहीं किया, जबकि बैंक ऑफ इंग्लैंड ने अपनी पॉलिसी रेट में 0.25 प्रतिशत की कटौती करके इसे 3.75 प्रतिशत कर दिया।
नया शुरू होने वाला सप्ताह कारोबारी लिहाज से छोटा है क्योंकि 25 दिसंबर को क्रिसमस की छुट्टी है। इसलिए कमोडिटीज की कीमतों में उतार-चढ़ाव कम हो सकता है। नए हफ्ते में कुछ ही इकोनॉमिक डेटा जारी होने वाले हैं, खासकर अमेरिकी GDP, ADP एंप्लॉयमेंट डेटा और बेरोजगारी के वीकली दावों का डेटा। कमोडिटी मार्केट की इन आंकड़ों पर पैनी नजर रहेगी क्योंकि इन्हीं के बेसिस पर मार्केट की चाल तय होगी।
बीते सप्ताह सोने और चांदी की स्थिति
अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई। इससे 2026 में बाद में ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें और मजबूत हुईं। इससे कीमती धातुओं को अपनी रैली बढ़ाने में भी मदद मिली। COMEX सोना 4,400 डॉलर प्रति औंस से ऊपर नए ऑल-टाइम हाई पर पहुंच गया, फिर 4,387 डॉलर के करीब सेटल हुआ। COMEX चांदी मजबूत इनफ्लो, सप्लाई की कमी और मजबूत इंडस्ट्रियल डिमांड के कारण लगभग 9 प्रतिशत बढ़कर रिकॉर्ड 67.7 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई।
वीकली चार्ट पर, MCX सिल्वर फ्यूचर्स ने 8 प्रतिशत से ज्यादा की वीकली बढ़त के साथ ऑल-टाइम हाई क्लोजिंग देखी। डेली चार्ट पर कीमत लगातार 20 EMA और दूसरे मीडियम टर्म एवरेज से ऊपर बनी हुई है। इससे पता चलता है कि शॉर्ट-टर्म तेजी का ट्रेंड बना हुआ है। जब तक कीमत 2,00,000 रुपये प्रति किलोग्राम के इमीडिएट सपोर्ट से ऊपर रहेगी, यह आने वाले हफ्ते में 2,25,000 रुपये के शुरुआती रेजिस्टेंस की ओर बढ़ सकती है। इस लेवल से ऊपर एक ब्रेकआउट और लगातार ट्रेड, मोमेंटम को 2,40,000 रुपये तक बढ़ा सकता है। हालांकि 2,00,000 रुपये से नीचे ब्रेक, मौजूदा मोमेंटम को रोक सकता है। कॉपर 3 प्रतिशत से ज्यादा बढ़कर 11,880 डॉलर प्रति टन के ऊपर बंद हुआ। उतार-चढ़ाव के बावजूद यह कई महीनों के हाई के करीब रहा। जिंक की कीमत घटकर लगभग 3,072 डॉलर प्रति टन हो गई।
इस बीच, WTI क्रूड ऑयल 54.98 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया, जो 2021 के बाद से इसका सबसे निचला लेवल है। ऐसा ओवरसप्लाई की चिंताओं और यूक्रेन के साथ संभावित शांति समझौते की दिशा में प्रगति को लेकर उम्मीद के दबाव में हुआ। ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन के प्रेसिडेंट और यूरोपियन लीडर्स के साथ बातचीत के बाद युद्ध खत्म करने का समझौता पहले से कहीं ज्यादा करीब है। बाद में तेल की कीमतों ने 57 डॉलर प्रति बैरल तक वापस जाने की कोशिश की।
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