चीनी मिलें समय से पहले चीनी का उत्पादन बंद कर रही हैं। NFCSF की रिपोर्ट के मुताबिक 15 फरवरी तक 77 मिलों ने उत्पादन बंद कर दिया है। NFCSF की रिपोर्ट के मुताबिक 454 मिलों में गन्नों की पेराई में जारी है। 2175.16 लाख टन गन्नों की पेराई हुई। चीनी का उत्पादन 197.65 लाख टन रहा।
कर्नाटक में 34 मिलें, महाराष्ट्र में 30 मिलें, तमिलनाडु में 4 मिलें, उत्तर प्रदेश में 2 मिलें, तेलंगाना में 2 मिलें, उत्तराखंड में 2 मिलें, मध्य प्रदेश में 1 मिलों में पेराई बंद हुए।
NFCSF के प्रकाश नाइकनवरे का कहना है कि कोस्ट ऑफ प्रोडक्शन 40 रुपये प्रति किग्रा है, लेकिन अभी दाम 3850 रुपये प्रति क्विंटल हैं। चीनी का एक्सपोर्ट एक्स मील दाम 4300रुपये प्रति क्विंटल है। चीनी का क्लोजिंग स्टॉक 55 लाख टन है। एथेनॉल पॉलिसी का शुगर इंडस्ट्री को पूरा फायदा नहीं मिला।
इस बीच एक अहम कमोडिटी पर और असर देखने को मिल रहा है। मेटल्स पर अमेरिका 25% टैरिफ लगाएगा। स्टील और एल्युमिनियम पर टैरिफ लगेगा। 2 अप्रैल से दोनों मेटल्स पर टैरिफ लगेगा। बाजार को कॉपर पर भी टैरिफ लगने का डर है। ट्रंप ने ऑटो पर भी टैरिफ लगाने की बात दोहराई है। 2 अप्रैल से 25% टैरिफ लगने की बात दोहराई है।
बता दें कि 2 अप्रैल से अमेरिका रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएगा । ज्वैलरी सेक्टर को रेसिप्रोकल टैरिफ से नुकसान होगा। सिटी ग्रुप का कहना है कि रेसिप्रोकल टैरिफ भारत के लिए सही नहीं है। 58000 करोड़ के नुकसान की आशंका है।
कार्तिकेय बुलियन के दीपक सोनी का कहना है कि भारतीय बाजार में सोने की मांग कम है। सोने के दाम बढ़ने से मांग कम हुई। पिछले साल बजट के समय एमसीएक्स पर सोना 69000 रुपये प्रति 10 ग्राम के आसपास थे। पिछले 1 साल में 20% की तेजी आई है।
दीपक सोनी ने कहा कि गोल्ड ETF में निवेश बढ़ा है। पिछले 5 सालवों से लगातार एक्सपोर्ट कम हो रहा है। उन्होंने आगे कहा कि हर 3-4 महीने में 10,000 की तेजी आई है।
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