Sugar Production: नेशनल फेडरेशन ऑफ कोऑपरेटिव शुगर फैक्ट्रीज (NCSF) ने चीनी उत्पादन का अनुमान जारी कर दिया है। जिसके मुताबिक इस साल 350 लाख मीट्रिक टन उत्पादन की उम्मीद है। NCSF के रिपोर्ट के मुताबिक चालू सीजन में 325 मिलों ने पेराई शुरू कर दी है, जबकि पिछले साल इसी अवधि के दौरान 144 मिलें शुरू हुई थीं।
नए पेराई सत्र में देरी से शुरुआत के बावजूद, शुगर फेडरेशन वर्ष 2025-26 के लिए 350 लाख टन सकल चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया है। महाराष्ट्र में 125 लाख मीट्रिक टन, उत्तर प्रदेश 110 लाख मीट्रिक टन और कर्नाटक में 70 लाख मीट्रिक टन चीनी उत्पादन की उम्मीद है।
इथेनॉल उत्पादन के लिए अनुमानित 35 लाख शुगर डायवर्जन और लगभग 290 लाख टन की घरेलू खपत के बाद इस सीजन में 20-25 लाख टन चीनी का सरप्लस रहेगा होगा। सरकार ने जनवरी और अप्रैल 2026 के बीच 15 लाख टन चीनी के निर्यात की अनुमति दी है। फेडरेशन ने उम्मीद जताई कि चालू सीजन में आगे चलकर 10 लाख टन चीनी निर्यात की मंजूरी दी जा सकती है।
फेडरेशन की ओर कहा गया है कि सरकार समय रहते 10 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देती है तो इससे चीनी मिलों को राहत मिलेगी। पिछले 6 वर्षों से चीनी के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में संशोधन न होने और पिछले 3 वर्षों से इथेनॉल की खरीद कीमतों के स्थिर रहने के कारण चीनी मिलें वित्तीय दबाव में हैं।
NCSF के MD प्रकाश नाइकनवरे ने कहा कि बेमौसम बरसात से जहां खरीफ की तैयार फसलों को नुकसान पहुंचा, वहीं गन्ने का वजन बढ़ने का अनुमान है। सरकार ने एक्सपोर्ट के ऐलान से घरेलू बाजार में चीनी के दाम नहीं गिरेंगे। उन्होंने आगे कहा कि चीनी के एमएसपी को एक्स-फैक्ट्री कीमतों के अनुरूप बढ़ाना चाहिए। चीनी-आधारित इथेनॉल की कीमतों में बढ़ोतरी की जानी चाहिए। साथ ही चीनी-आधारित इथेनॉल आवंटन में वृद्धि करना चाहिए।