Cotton Import rise: देश में कॉटन का रिकॉर्ड इंपोर्ट की उम्मीद है। सितंबर तक 39 लाख बेल्स का इंपोर्ट संभव है जबकि जुलाई अंत तक 33 लाख बेल्स की डिलीवरी हुई। 2024-25 क्रॉप ईयर में रिकॉर्ड इंपोर्ट हुआ। सितंबर में 2024-25 क्रॉप ईयर खत्म होगा। कॉटन का आधा इंपोर्ट ब्राजील से हुआ। 8-10 लाख बेल्स का इंपोर्ट दूसरे अफ्रीकी देशों से हुआ। ऑस्ट्रेलिया से भी 3 लाख बेल्स का इंपोर्ट हुआ।
देश में कॉटन का इंपोर्ट आंकड़ों पर नजर डालें तो वित्त वर्ष 2023-24 में 238.30 मिलियन डॉलर और वित्त वर्ष 2024-25 में 383.22 मिलियन डॉलर रहा।
इंटरनेशल मार्केट में भारतीय कॉटन के दाम ज्यादा है। भारतीय कॉटन के दाम 10-12% तक ज्यादा है। कंपनियां अभी से इंपोर्ट कॉन्ट्रैक्ट कर रही हैं। अगले साल के लिए कॉन्ट्रैक्ट कर रही हैं। 10 दिनों में 1.5 लाख बेल्स के लिए कॉन्ट्रैक्ट कर रहा। अक्टूबर-नवंबर-दिसंबर में डिलीवरी होगी।
CBIC ने इंपोर्ट ड्यूटी, AIDC हटाई
केंद्र सरकार द्वारा 30 सितंबर तक कच्चे कॉटन पर 11 फीसदी आयात शुल्क हटा दिया। वित्त मंत्रालय ने केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (CBIC) के माध्यम से एक अधिसूचना जारी कर कपास आयात पर बेसिक कस्टम ड्यूटी और एग्री इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस (AIDC )दोनों को हटा दिया है। इस निर्णय से कपड़ा और परिधान उद्योग को कुछ राहत मिलेगी,जो ट्रंप के टैरिफ संबंधी दबाओं के बीच चुनौतियों का सामना कर रहा है। HSN 5201 कॉटन के इंपोर्ट पर लागू होगा।
क्या है एक्सपर्ट्स की राय
CAI के अतुल गनात्रा ने कहा कि सरकार ने CAI की मांग मानी है। देश में हर महीने 3 लाख बेल्स का इंपोर्ट हो रहा है। सरकार से इंपोर्ट ड्यूटी हटाने की मांग की थी। 5 फीसदी भी यील्ड बढ़ी तो उत्पादन और बढ़ सकता है क्योकि नई टेक्नोलॉजी की सीड और मॉनसन समय से आने के कारण होगा।
अतुल गनात्रा ने आगे कहा कि इस साल कॉटन का रिकॉर्ड इंपोर्ट होने की उम्मीद है। इस साल रिकॉर्ड 39 लाख बेल्स कॉटन के इंपोर्ट की उम्मीद है। ड्यूटी हटने से कॉटन का इंपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है। ड्यूटी में छूट की सीमा को सरकार और बढ़ा सकती है।
अतुल गनात्रा ने बताया कि ड्यूटी खत्म होने से बड़ी मिलो को फायदा मिलेगा। इंडस्ट्री भी 30 सितंबर तक ड्यूटी फ्री इंपोर्ट की मांग कर रही थी। पिछले 20-40 सालों में इतना इंपोर्ट नहीं हुआ जितना इस साल होगा।
ब्राजील में नई फसल की कटाई शुरु हो चुकी है। इंटरनेशनल मार्केट में भारतीय कॉटन के दाम काफी ज्यादा है। इंटरनेशनल मार्केट में बांग्लादेश का कॉटन ₹50000, भारतीय कॉटन ₹57000 का है।