Crude Oil Price: रूस-यूक्रेन के बीच PEACE DEAL (शांति समझौते) की संभावना से क्रूड कीमते 1 महीने के निचले स्तर के आसपास स्थिर दिखाई दी। मंगलवार को करीब 1.5 फीसदी की गिरावट के बाद वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट (WTI Crude) लगभग 58 डॉलर प्रति बैरल के पास ट्रेड कर रहा था, जबकि ब्रेंट क्रूड (Brent Crude Oil) 62 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर बंद हुआ। बाजार की नजर अमेरिका और यूक्रेन के बीच जारी वार्ताओं पर है, जहां सकारात्मक संकेत मिलने से कच्चे तेल पर दबाव देखने को मिला है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि यूक्रेन समझौते में अब कुछ ही मुद्दे बाकी हैं और इसके समाधान के लिए आगे की बैठकों के लिए भेजा गया है। यूक्रेन के राष्ट्रपति के चीफ ऑफ स्टाफ ने भी जिनेवा में हुई बैठकों को समझौते की एक मजबूत नींव बताया है। इन बातचीतों को एक ऐसे कदम के रूप में देखा जा रहा है, जो रूस पर लगी मौजूदा पाबंदियों में ढील ला सकता है।
रूस के ज्यादातर तेल और फ्यूल पर पश्चिमी देशों के भारी प्रतिबंध हैं, देश के दो सबसे बड़े प्रोड्यूसर पर अमेरिकी प्रतिबंध पिछले हफ्ते से लागू हो रहे हैं। हालांकि चीन, भारत और तुर्की पिछले कुछ सालों से डिस्काउंट वाले कच्चे तेल के उत्सुक खरीदार रहे हैं, इसलिए क्रेमलिन पर किसी भी रोक के हटने का ग्लोबल कीमतों पर क्या असर होगा, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल है।
जून के बीच से तेल की कीमतों में पांचवें हिस्से से ज़्यादा की गिरावट आई है, क्योंकि ऑर्गनाइज़ेशन ऑफ़ पेट्रोलियम एक्सपोर्टिंग कंट्रीज़ और उसके साथियों ने मार्केट में बैरल वापस ला दिए हैं और ग्रुप के बाहर के प्रोड्यूसर्स ने भी ज़्यादा पंप किया है। जबकि कंजम्प्शन कम रहा है। इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ने इस महीने अनुमान लगाया है कि अगले साल सप्लाई, डिमांड से ज़्यादा रिकॉर्ड 4 मिलियन बैरल प्रतिदिन होगी।
इस बीच US में अमेरिकन पेट्रोलियम इंस्टीट्यूट की एक रिपोर्ट से पता चला है कि पिछले हफ़्ते देश भर में कच्चे तेल के स्टॉक में मामूली 1.9 मिलियन बैरल की गिरावट आई है। ऑफिशियल डेटा बुधवार को बाद में आने वाला है।
मेहता इक्विटीज़ के VP कमोडिटीज़ राहुल कलंत्री ने कहा कि यूक्रेन-रूस के बीच संभावित शांति समझौते को लेकर बढ़ती उम्मीद के बीच कच्चे तेल की कीमतें 5 हफ़्ते के निचले स्तर के पास रहीं। US प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के कमेंट्स और जिनेवा में यूक्रेनी अधिकारियों के अच्छे संकेतों से उम्मीदें बढ़ गईं कि रूसी कच्चे तेल पर लगे बैन कम हो सकते हैं, जिससे ग्लोबल सप्लाई बढ़ सकती है, ऐसे समय में जब बाज़ार पहले से ही लगातार ओवरसप्लाई से जूझ रहा है।
इस बीच, पिछले हफ़्ते US क्रूड इन्वेंटरी में 1.9 मिलियन बैरल की गिरावट आई। लगातार तीन बार बढ़ोतरी के बाद पहली गिरावट रही। जबकि ट्रेडर्स आज बाद में आने वाले सरकारी स्टॉक के आंकड़ों का इंतज़ार कर रहे हैं।
हमें उम्मीद है कि आज के सेशन में कच्चे तेल की कीमतें अस्थिर रहेंगी। आज के सेशन में कच्चे तेल को $57.45-56.90 पर सपोर्ट और $58.70-59.40 पर रेजिस्टेंस है। INR में कच्चे तेल को 5,100-5,040 रुपये पर सपोर्ट है जबकि 5,2210-5,275 रुपये पर रेजिस्टेंस है।
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