Crude Oil: कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट देखने को मिल रही है। लगातार तीसरे दिन कीमतों में दबाव बना। इंटरनेशनल मार्केट में कच्चे तेल का दाम 1 महीने के नीचे फिसले है। ब्रेंट में $63 के नीचे कारोबार कर रहा जबकि WTI भी $59 के नीचे फिसला है। वहीं MCX पर कच्चे तेल का दाम 5200 के नीचे आया।
यूक्रेनी राष्ट्रपति जेलेंस्की ने शांति वार्ता शुरू करने के संकेत दिए है। रूस-US ने मिलकर मसौदा तैयार किया। मसौदे पर जेलेंस्की से बातचीत होगी। डॉनल्ड ट्रंप जेलेंस्की से बातचीत करेंगे। आने वाले दिनों में बातचीत हो सकती है। इस बातचीत से सप्लाई बढ़ने की उम्मीद है। प्रतिबंध हटने से रूसी क्रूड बाजार में आएगा। आज से रोसनेफ्ट, लुकोइल पर प्रतिबंध लागू हुआ। US ने रूसी कंपनियों पर प्रतिबंध लगाए हैं।
MCX पर क्रूड 1 हफ्ते में 1 फीसदी चढ़ा है जबकि 1 महीने में इसमें 4 फीसदी की तेजी आई है। हालांकि 6 महीने में कीमतों में 1 फीसदी की गिरावट देखने को मिली। जनवरी 2025 से अब तक कच्चे तेल की कीमते 14 फीसदी लुढ़की है जबकि कीमतों में 1 साल में 10 फीसदी की गिरावट देखने को मिली है।
आने वाले दिनों में भारत में Crude Oil की मांग और बढ़ेगी
एनर्जी एक्सपर्ट नरेंद्र तनेजा का कहना है अमेरिका की कच्चे तेल की इन्वेटरी बढ़ी है। बातचीत पर यूक्रेन ने अपना रवैया नरम किया है। डिमांड और सप्लाई फंडामेटल के लिहाज से देखें तो कीमतों में 58- 60 ड़ॉलर से ज्यादा होनी ही नहीं चाहिए।
भारत के लिए सबसे अहम ट्रेड डील है। भारत के साथ अमेरिका की डीलपर बातचीत जारी है। हाल ही में भारत अमेरिका के नैचुरल गैस का इंपोर्ट करेगा। रूस से भारत के कच्चे तेल खरीद पर भारत ने लचीलापन दिखा है यहीं वजह है कि ट्रेड डील पर जल्द बात बन सकती है क्योंकि रुस पर भारत अमेरिका की बात मान रहा है।
नरेंद्र तनेजा ने इस बातचीत में आगे कहा कि भारत में हम 56 लाख बैरल प्रति दिन खर्च करते है। भारत अपनी जरुरत का 89 फीसदी क्रूड इंपोर्ट करता है। आने वाले दिनों भारत की मांग 7 लाख BPD होगी। उन्होंने आगे कहा कि आने वाले दिनों में भारत की निर्भरता क्रूड पर बढ़ेगी।
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