गोल्ड में लगातार चौथे हफ्ते बढ़त देखने को मिली है। बीते हफ्ते गोल्ड 2,410 डॉलर प्रति औंस को पार कर गया। मध्य-पूर्व में तनाव बढ़ने की वजह से गोल्ड में पिछले हफ्ते 3 पर्सेंट की तेजी रही। अप्रैल में गोल्ड लगातार रिकॉर्ड बना रहा है। इस साल अब तक सोने में तकरीबन 14 पर्सेंट की बढ़ोतरी हुई है, जबकि 2023 में यह 13 पर्सेंट चढ़ा था। इनफ्लेशन में बढ़ोतरी, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और वैश्विक स्तर भू-राजनीतिक तनाव के कारण गोल्ड को सहारा मिल रहा है।
हालिया रिपोर्ट के मुताबिक, इजराइल ने कहा है कि ईरान ने उस पर 300 ड्रोन और मिसाइल से हमला किया है और कुछ हमले ईराक और यमन की तरफ से भी हुए हैं। ये घटनाएं मध्य-पूर्व में हिंसा और तनाव बढ़ने की तरफ इशारा करते हैं। इससे निवेशकों को गोल्ड होल्ड करने का मौका मिल गया है। भूराजनीतिक तनाव की वजह से गोल्ड की खरीदारी तेज हो गई है।
इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी से भी गोल्ड को सहारा मिलेगा। कच्चे तेल में इस साल अब तक 18 पर्सेंट की बढ़त देखने को मिल चुकी है। लाल सागर में विद्रोहियों के हमले, यूक्रेन द्वारा रूसी ऑयल ठिकानों पर हमले और OPEC द्वारा सप्लाई में कटौती आदि वजहों से क्रूड में तेजी रही। कच्चे तेल की कीमतों में तेजी का मतलब ज्यादा इनफ्लेशन में बढ़ोतरी है और इससे गोल्ड की खरीदारी को भी बढ़ावा मिलता है।
सोने में लगातार चौथे हफ्ते बढ़ोतरी रही है। साल 2023 के शुरू के बाद पहली बार ऐसा देखने को मिला है। गोल्ड में खरीदारी तेज है और मध्य पूर्व में युद्ध की चिंताओं से यह सेंटीमेंट और तेज होने का अनुमान है। इनवेस्टमेंट बैंकों और ब्रोकरेज फर्मों के ऊंचे टारगेट के आधार पर यह अनुमान लगाया जा सकता है कि गोल्ड की कीमतें आने वाले समय में 2,500 या 3,000 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। हालांकि, इसके बाद गोल्ड में तेज गिरावट भी देखने को मिल सकती है।
गोल्ड की कीमत से जुड़े अनुमान :
जेपी मॉर्गन (JP Morgan) : $2500
बैंक ऑफ अमेरिका (BoA) : 2025 तक $3000
डेविड रोजबनर्ग (David Rosenberg) : $3,000