सोने की मांग गिर रही है, लेकिन चांदी, प्लैटिनम और डायमंड ज्वेलरी की मांग बढ़ी है। ये बदलाव सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी दिखाई दे रही है। हालांकि कि बाजार अगस्त से हालात में सुधार की उम्मीद कर रहा है, लेकिन इस बदलाव के कारण क्या हैं?अभी बाजार कैसा है? किस ज्वेलरी की मांग कितनी है, एक्सपोर्ट कैसा है और हर साल बिक्री मई जून में गिर क्यों जाती है? इन सभी सवालों के जवाब हम यहां तलाश करेंगे। लेकिन सबसे पहले कुछ आंकड़ों पर डालते है एक नजर।
मई 2025 में डायमंड का एक्सपोर्ट पर नजर डालें तो कट-पॉलिश डायमंड का एक्सपोर्ट 950 मिलियन डॉलर रहा जबकि पॉलिश लैब ग्रोन 81 मिलियन डॉलर, रफ डायमंड का एक्सपोर्ट 24 मिलियन डॉलर और रफ लैब ग्रोन डायमंड का एक्सपोर्ट 4 मिलियन डॉलर रहा है।
इसी तरह 2025 में प्लैटिनम गहनों का एक्सपोर्ट जनवरी 113 करोड़ रुपये से बढ़कर मई में 182 करोड़ रुपये पर पहुंच गया है। जबकि चांदी के गहनों का एक्सपोर्ट जनवरी में 594करोड़ रुपये से बढ़कर मई में 751 करोड़ रुपये पर रहा।
वहीं सोने के गहनों के एक्सपोर्ट आंकड़ों पर नजर डालें तो जनवरी 2025 में सोने के गहनों का एक्सपोर्ट 8193 करोड़ रुपये पर रहा था जो मई 2025 में बढ़कर 8483 करोड़ रुपये पर पहुंचा।
जून 2025 में प्लैटिनम के दाम 30 फीसदी बढ़े है जबकि 6 महीने में रफ डायमंड के कीमतों में 1 फीसदी का उछाल देखने को मिला है। इस बीच 2025 में अब तक चांदी की कीमतों में 25 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है जबकि सोने ने इस दौरान 27 फीसदी की बढ़त दिखाई है।
क्या कहते है बाजार जानकार
विघ्नहर्ता गोल्ड के महेंद्र लुनिया का कहना है कि सोने की कीमतों में उछाल के बाद सोने के ज्वैलरी की डिमांड कम हुई और वहीं डायमंड के डिमांड बढ़ने शुरु हुई। लोगों की मानसिकता है कि डायमंड की कीमतें जल्द नहीं बढ़ती लेकिन लैब ग्रोन डायमंड आया तो उसने अपने बेंचमार्क सेट किया और उसके बाद नेचुरल डायमंड की मांग भी बढ़ने लगी। ऐसे में इन्वेस्टर्स ने खुद को ज्यादा सिक्योर्ड रखते हुए लिक्विडेट करते हुए गोल्ड के साथ डायमंड की ओर भी रुख किया। यहीं कारण है कि डायमंड की डिमांड में तेजी आई। और जो आगे भी बरकरार रह सकती है।
यूनिक चेन्स के संजय मेहरा का कहना है कि इस तिमाही में ही सोने का भाव 1 लाख रुपये के पार निकला। कीमतों में आई तेजी के कारण सोने की मांग कम हुई है। विदेशों में 21-22 कैरेट के सोने के गहनों की मांग अच्छी है। विदेशों में भारतीय हैंड मेड ज्वेलरी की मांग ज्यादा है। अनोखी डिडायनिंग के कारण भारतीय गहनों की मांग ज्यादा है।
कामाख्या ज्वेल्स के मनोज झा का कहना है कि डायमंड, प्लैटिनम को बीते 7-8 महीनों में काफी सपोर्ट मिला है। सोने की तेजी से प्लैटिनम के गहनों की मांग बढ़ी है। सोने, डायमंड, प्लैटिनम की डिमांड भारत में बढ़ेगी। सोने-चांदी की एक्सपोर्ट बढ़ने की उम्मीद है।
चौलाज हेरिटेज ज्वेलरी के चौला पटेल का कहना है कि सोने की कीमतों में गिरावट की उम्मीद कम है। क्योंकि अब सोना एक लग्जरी कमोडिटी बन गया है। मई-जून में हमेशा सोने की मांग गिरती है। वहीं जुलाई-अगस्त से मांग बढ़ने की उम्मीद है। मौजूदा भाव से भी थोड़ी खरीदारी हो रही है। उन्होंने आगे कहा कि भाव स्थिर रहें तो सोने की मांग बढ़ेगी। शादियों के मद्देनजर बिक्री बढ़ने की उम्मीद है। लोग तय बजट के साथ ही खरीदारी कर रहे हैं।
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