Gold futures at all-time high : अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद और कमजोर डॉलर के बीच मजबूत ग्लोबल संकेतों के चलते सोमवार को घरेलू वायदा बाजार में सोने और चांदी की कीमतें नई ऊंचाई पर पहुंच गईं। आज मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ((MCX) पर दिसंबर का गोल्ड कॉन्ट्रेक्ट 1,15,939 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए शिखर पर पहुंच गया। अक्टूबर का गोल्ड कॉन्ट्रैक्ट भी 1,14,992 रुपये प्रति 10 ग्राम के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। दिसंबर की डिलीवरी वाला सिल्वर फ्यूचर्स 1,44,179 रुपये प्रति किलोग्राम के ऑलटाइम हाई पर पहुंच गया है।
बाजार जानकारों का कहना है कि विदेशों में सोने-चांदी की कीमतों में इस बढ़त की वजह अमेरिकी केंद्रीय बैंक द्वारा मौद्रिक नीति में ढील दिए जाने की बढ़ती संभावना है।
एंजेल वन में प्रथमेश माल्या ने PTI से हुई बातचीत में कहा "सोने की कीमतें पिछले कुछ समय से तेजी में हैं और पिछले हफ़्ते घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों में सोने की कीमतें नई ऊंचाइयों को छू गईं।" उन्होंने आगे कहा कि इस तेज़ी में कोई कमी नहीं दिख रही है और निवेशक इस बात को लेकर सोच में हैं कि इन ऊंचे स्तरों पर निवेश करें या अब मुनाफा बटोरें"।
उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी टैरिफ,रूस-यूक्रेन संघर्ष,अमेरिका-चीन व्यापार तनाव और दूसरे ग्लोबल फैक्टर्स के चलते हाल के महीनों में बुलियन मार्केट में तेजी आई है।
रिलायंस सिक्योरिटीज़ के सीनियर रिसर्च एनालिस्ट जिगर त्रिवेदी ने पीटीआई से कहा कि ट्रेडर्स फ़िलहाल अक्टूबर में फेड द्वारा ब्याज दरों में कटौती की 90 प्रतिशत संभावना और दिसंबर में एक और कदम उठाने की लगभग 65 प्रतिशत संभावना मान कर चल रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि अमेरिकी सरकारी शटडाउन की अनिश्चितता भी केंद्रीय बैंक की नीतियों को प्रभावित कर सकती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले सप्ताह आयातित दवाओं, ट्रकों और फर्नीचर पर नए टैरिफ की घोषणा की, जो 1 अक्टूबर से प्रभावी होंगे। इससे इक्विटी मार्केट की वोलैटिलिटी और बढ़ गई है। इसके चलते बुलियन के भाव बढ़े हैं। बाजार जानकारों का कहना है कि मौद्रिक नीति में ढील की उम्मीदों तथा भू-राजनीतिक और ट्रेड संबंधी जोखिमों के कारण निकट भविष्य में सोने और चांदी की कीमतों में तेजी बनी रहने की संभावना है।
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