सोने की चमक तेजी से कम हो रही है। सोने की कीमतें 5 हफ्ते के निचले स्तर पर पहुंची है। इस हफ्ते सोने में करीब 3% की गिरावट देखने को मिली है। पिछले 6 महीनों में ये हफ्ता सोने के लिए सबसे खराब हफ्ता रहा है। सोना $3500 प्रति औंस के ऑल टाइम हाई से 9% नीचे आया है। दरअसल, टैरिफ को लेकर घटता तनाव , फेड रेट कट की उम्मीदें कम होना और अमेरिका बॉन्ड की यील्ड का बढ़ना यह सभी फैक्टर सोने के लिए विपरीत काम कर रही है।
वहीं स्पेकुलेटर लगातार 5वें हफ्ते लॉन्ग पोजीशन काट रहे हैं। कॉमेक्स पर नेट लॉन्ग अप्रैल में 30% घटे है । फरवरी 2024 के बाद नेट लॉन्ग सबसे कम रहे है। मई में लॉन्ग पोजीशन की अनवाइंडिंग देखने को मिली है। मई में शॉर्ट्स पोजीशन बढ़ रहे हैं। यहीं कारण है कि सोने में दबाव बना हुआ है।
ग्लोबल ETF इनफ्लो अप्रैल में 11 अरब डॉलर पर रहा है। मार्च 2022 के बाद सबसे ज्यादा ETF इनफ्लो हुआ। एशिया से रिकॉर्ड $7.3 अरब का इनफ्लो हुआ।
गोल्ड के भाव 3000 डॉलर के नीचे जाते नहीं दिख रहे
आनंद राठी के डायरेक्टर नवीन माथुर का कहना है कि सोने पर उनका नजरिया न्यूट्रल टू बियरिश है। लेकिन नियरटर्म में इसमें दबाव बन सकता है। गोल्ड के भाव 3000 डॉलर के नीचे जाते नहीं दिख रहे है। वहीं एमसीएक्स पर इस हफ्ते सोने के भाव 92500 से 93000 रुपये प्रति 10 ग्राम के बीच रह सकता है।
सिल्वर पर बात करते हुए नवीन माथुर ने कहा कि कुछ समय से गोल्ड से ज्यादा लोगों का रुझान चांदी की तरफ बढ़ा है। सोना सेफ हेवन के रूप में जाना जाता है जबकि चांदी इंडस्ट्रियल मेटल है, जब जियोपॉलिटिकल टेंशन और टैरिफ की समस्या थी जब तक वो बरकरार थे तब चांदी को लेकर इंडस्ट्रियल कंज्मशन पर प्रश्नचिन्ह लगा हुआ था। जियोपॉलिटिकल टेंशन के बीच हो सकता है कि शायद सेंट्रल बैंक और ईटीएफ की सोने में खरीदारी भी कम हो जाए। सेफ हेवन की डिमांड में कमी से चांदी सेफ बाईंग हो सकता है। चांदी का जुलाई वायदा 96000 के आसपास है उसमें खरीदारी कर सकते है। 97000- 97200 रुपये के टारगेट देखने को मिल सकते है।
सोने में इन्वेस्टिंग बाईंग भी रूकी
अनमोल ज्वेलर्स के फाउंडर ईशू दतवानी का कहना है कि भारत-पाक तनाव के चलते ग्राहक कम हुए है। मई में छुट्टियों का समय होने से भी फुटफॉल कम हुआ है। सोने में इन्वेस्टिंग बाईंग भी रूकी हुई है। हालांकि अगले हफ्ते से कुछ सेंटीमेंट में सुधार संभव है। अक्टूबर से दिसंबर तक बहुत ज्यादा शादियां है। ट्रंप टैरिफ इश्यू से भी सेंटीमेंट खराब हुए हैं।
(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।