सोने का भाव रिकॉर्ड स्तरों पर पहुंचा है। MCX पर सोने का दाम 84200 के पार निकला है। दरअसल, US-चीन ट्रेड वॉर के कारण कीमतों में उछाल आया है। वहीं COMEX पर भी सोना $2900 के करीब कारोबार कर रहा है। इस बीच US में स्पॉट भाव $2855 के पार निकला है। सोने में एक हफ्ते में 3% और 1 महीने में 8% की तेजी आई है।
सोने में तेजी US-चीन ट्रेड वॉर के कारण आई है। चीन ने भी अमेरिकी सामानों पर टैरिफ लगाया है। 10 फरवरी से 80 प्रोडक्ट पर टैरिफ लगेगा। बता दें कि चीन ने यूएस से ऑयल इंपोर्ट पर 10 फीसदी, एग्री मशीन पर 10 फीसदी, कोयला पर 15 फीसदी और एलएनजी पर 15 फीसदी टैरिफ लगाया है। वहीं अमेरिका गाजा पट्टी को कब्जे में लेगा। ट्रंप न ने कहा कि गाजा पट्टी में पुनर्विकास का काम करेंगे।
वहीं दूसरी तरफ डॉलर इंडेक्स में गिरावट से भी सोने की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है। दिसंबर में 3 महीनों के निचले स्तरों US JOLTs के आंकड़े आएं है।
साल 2025 में गोल्ड कंजम्प्शन 700 टन से 800 टन रहने का अनुमान
इस बीच वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल का कहना है कि साल 2025 में गोल्ड कंजम्प्शन 700 टन से 800 टन रहने का अनुमान है। साल 2024 में ग्लोबल गोल्ड डिमांड सालाना आधार पर 1% बढ़कर 4,974.5 टन रह सकता है। साल 2024 में औसत गोल्ड कीमत सालाना आधार पर 23% बढ़ी है।
क्या है गोल्ड पर एक्सपर्ट की राय
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के सचिन जैन का कहना है कि देश में सोने का इंपोर्ट उम्मीद के मुताबिक रहा है। ड्यूटी घटने के बाद ग्रे मार्केट तकरीबन खत्म हुआ है। दुनिया में 4974 टन सोने की मांग रही है। दुनिया में सोने की मांग 9 फीसदी बढ़ी है।
उन्होंने कहा कि दुनिया में सोने के गहनों की मांग 12-13 फीसदी गिरी है। सोने के गहनों की मांग चीन से सबसे ज्यादा गिरी है। कई देशों के सेंट्रल बैंकों ने भी सोने की खरीदारी की है। आरबीआई की सोने की खरीदारी पिछले साल से 4 फीसदी ज्यादा रही है। टेक्नोलॉजी में सोने का इस्तेमाल भी तेजी से बढ़ रहा है।
सचिन जैन ने आगे कहा कि देश में ड्यूटी घटने का सोने को फायदा मिला। कीमतों में तेजी से सोने की खरीदारी रुक जाती है। देश से सोने देश में सोने की निवेश की मांग भी 29 फीसदी बढ़ी है। सोने के बार, सिक्कों और ईटीएफ में भी मांग बढ़ी है। उन्होंने कहा कि गोल्ड में लंबी अवधि का नजरिया रख ही निवेश करने की सलाह होगी।
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