Credit Cards

SGB: सरकार ने बंद की 'सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड' स्कीम, अब गोल्ड में निवेश के लिए कौन सी है बेस्ट स्कीम?

गोल्ड की कीमतों में लगातार तेजी की वजह से इसमें निवेश का आकर्षण बढ़ा है। सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम बंद होने के बाद इनवेस्टर्स गोल्ड ईटीएफ और गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश कर सकते हैं। इनमें निवेश करना काफी आसान है। जरूरत पड़ने पर स्कीम से आसानी से पैसे निकाले जा सकते हैं

अपडेटेड Feb 05, 2025 पर 11:41 AM
Story continues below Advertisement
गोल्ड म्यूचुअल फंड्स का एक साल का रिटर्न 29.45 फीसदी है।

सरकार ने सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड स्कीम (एसजीबी) बंद कर दी है। गोल्ड की कीमतों में पिछले कुछ सालों में आए उछाल की वजह से सरकार के लिए इस स्कीम को जारी रखना मुश्किल हो गया था। ग्लोबल मार्केट में गोल्ड का भाव 2,800 प्रति औंस के पार हो गया है। हाल में यह 2,830 डॉलर तक पहुंच गया था। इंडिया में भी गोल्ड की कीमत 84,900 रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई थी। इसकी वजह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की टैरिफ पॉलिसी बताई जा रही है। कमोडिटी एक्सपर्ट्स का कहना है कि ग्लोबल इकोनॉमी में अनिश्चितता को देखते हुए गोल्ड में तेजी जारी रहने के आसार हैं।

Sovereign Gold Bond (SGB ) स्कीम बंद हो जाने के बाद अब गोल्ड में निवेश के लिए गोल्ड ईटीएफ (Gold ETF) और गोल्ड म्यूचुअल फंड (Gold Mutual Fund) का विकल्प बचा है। इन दोनों में सेकेंडरी मार्केट में निवेश किया जा सकता है। जरूरत पड़ने पर आप निवेश को आसानी से बेच सकते हैं। फिजिकल गोल्ड में निवेश के मुकाबले इन दोनों विकल्प में निवेश करना आसान है, क्योंकि इनमें आपको गोल्ड की प्योरिटी की चिंता करने की जरूरत नहीं होती है।

Gold ETF

गोल्ड ईटीएफ फिजिकल गोल्ड की कीमतों को ट्रैक करता है। इसका मतलब है कि गोल्ड की कीमतों में उतार-चढ़ाव के हिसाब से गोल्ड ईटीएफ की कीमतों में उतार-चढ़ाव होता है। गोल्ड ईटीएफ की वैल्यू गोल्ड की कीमत पर आधारित होती है। इसकी वजह यह है कि गोल्ड ईटीएफ अपने पैसे का निवेश फिजिकल गोल्ड में करता है। गोल्ड ईटीएफ की एक यूनिट की वैल्यू एक ग्राम गोल्ड के बराबर होती है।


गोल्ड ईटीएफ स्टॉक्स मार्केट्स में लिस्टेड होते हैं। इसलिए इनमें निवेश करना सुरक्षित है। इनमें लिक्विडिटी भी अच्छी होती है। गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट जरूरी है। इसके अलावा गोल्ड ईटीएफ में निवेश करने पर एंट्री लोड लगता है। बेचने पर एग्जिट लोड लगता है।

Gold Mutual Fund

गोल्ड म्यूचुअल फंड्स ओपन-एंडेड फंड्स हैं, जो गोल्ड ईटीएफ की यूनिट्स में निवेश करते हैं। हर गोल्ड म्यूचुअल फंड का एक फंड मैनेजर होता है, जो निवेश से जुड़े फैसले लेता है। गोल्ड म्यूचुअल स्कीम में यूनिट्स की नेट एसेट वैल्यू (NAV) होती है। चूंकि, गोल्ड म्यूचुअल फंड के एसेट्स का प्रबंधन फंड मैनेजर करता है, जिससे लंबी अवधि में इसका रिटर्न गोल्ड के रिटर्न से ज्यादा हो सकता है। गोल्ड म्यूचुअल फंड का एक्सपेंस रेशियो गोल्ड ईटीएफ के मुकाबले थोड़ा ज्यादा है।

यह भी पढ़ें: Gold Price Today: 85,000 रुपये के पार गोल्ड, चेक करें बुधवार 5 फरवरी का दाम

गोल्ड म्यूचुअल फंड में गोल्ड ईटीएफ के मुकाबले कम पैसे से निवेश किया जा सकता है। इससे रिटेल इनवेस्टर के लिए इसमें निवेश करना आसान है। गोल्ड म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए डीमैट अकाउंट भी जरूरी नहीं है। वैल्यू रिसर्च के मुताबिक, गोल्ड म्यूचुअल फंड्स का एक साल का रिटर्न 29.45 फीसदी है।

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।