Gold Price Today:सीपीएम ग्रुप के मैनेजिंग पार्टनर जेफरी क्रिश्चियन का कहना है कि 2025 के अंत तक सोने की कीमतें 4,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच सकती हैं। उनका मानना है कि निवेशकों की बढ़ती चिंता, आर्थिक अनिश्चितता और सट्टा कारोबार, ये सभी कीमती धातुओं में मौजूदा तेजी को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने आगे कहा कि 2026 तक सोने की औसत कीमत 5,000 डॉलर के आसपास रह सकती है, जो आगे और मजबूती का संकेत है।
जेफरी क्रिश्चियन ने कहा, "हमें इस साल के अंत तक सोने का भाव 4,500 डॉलर प्रति औंस तक पहुंचने की उम्मीद है, संभव है कि यह इससे भी थोड़ा ऊपर जाए और 2026 में तिमाही औसत करीब 5,000 डॉलर रहने की संभावना है”।
उनका कहना है कि सोने में वौलेटिलिटी के बावजूद लंबी अवधि का आउटलुक सकारात्मक बना हुआ है। जेफरी क्रिश्चियन ने आगे कहा कि ये सच है कि इस साल सोना 4400 डॉलर के स्तर के करीब पहुंचा था जिसके बाद भाव नीचे आए हैं। हालांकि सोने ने ये ऊपरी स्तर सिर्फ एक या दो दिन के लिए दर्ज किए थे। सोने की असली तस्वीर औसत भाव के आधार पर देखने को मिलती है और औसत भाव लगातार ऊपर बढ़ रहे हैं।
चाँदी की बात करें तो, जेफरी क्रिश्चियन को उम्मीद है कि यह धातु मज़बूत और अस्थिर बनी रहेगी, और कीमतें पहले ही 48-54 डॉलर प्रति औंस के रिकॉर्ड स्तर के करीब पहुंच चुकी हैं। उन्होंने कहा कि इंडस्ट्रियल मांग अभी भी ऊंची बनी हुई है, हालांकि पुरानी चांदी के बाजार में आने से आपूर्ति बढ़ रही है।
सेंट्रल बैंकों की बाईंग को लेकर उन्होंने कहा कि 2025 में केंद्रीय बैंकों की खरीदारी धीमी रही है। जेफरी क्रिश्चियन ने स्पष्ट किया कि सोने की ऊंची कीमतों को कारण केंद्रीय बैंकों ने इस साल अब तक केवल लगभग 60 लाख औंस सोना खरीदा है जो बाजार के अनुमान से का काफी कम है।
उन्होंने आगे कहा कि निवेशकों की ओर से सोने की भौतिक मांग साल के अधिकांश समय मज़बूत रही, लेकिन हाल ही में इसमें कमी आई है, क्योंकि शॉर्ट टर्म प्लेयर की गतिविधियों हावी हुई है। उन्होंने कहा कि कीमतों में हालिया उतार-चढ़ाव का एक बड़ा हिस्सा फ्यूचर्स, ETFs और मोमेंटम ट्रेडर्स की वजह से आया है, जो तेज़ उतार-चढ़ाव से मुनाफ़ा कमाना चाहते हैं। जेफरी क्रिश्चियन ने कहा, "वे फिजिकल सोना या लॉन्ग टर्म निवेश नहीं चाहते बल्कि वे जल्दी से निवेश करके निकल जाना चाहते हैं।"
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