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Gold Price: रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंचा सोने का भाव, इन 3 कारणों से बढ़ रही है कीमत

Gold Price Today: सोने की कीमतें बुधवार 17 जुलाई को अपने अबतक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं। कारोबार के दौरान हाजिर सोने का रेट बढ़कर 2,473.87 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जो इसका नया रिकॉर्ड है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स का भाव 0.3% बढ़कर 2,475.80 डॉलर पर पहुंच गया था। भारत में भी 24 कैरेट सोने की कीमत 74,030 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई

अपडेटेड Jul 17, 2024 पर 11:38 PM
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Gold Price Today: सोने की कीमतों में उछाल के पीछे मुख्य कारण ब्याज दर में कटौती की उम्मीद है

Gold Price Today: सोने की कीमतें बुधवार 17 जुलाई को अपने अबतक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच गईं। कारोबार के दौरान हाजिर सोने का रेट बढ़कर 2,473.87 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गया, जो इसका नया रिकॉर्ड है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, अमेरिकी गोल्ड फ्यूचर्स का भाव 0.3% बढ़कर 2,475.80 डॉलर पर पहुंच गया था। भारत में भी 24 कैरेट सोने की कीमत 74,030 रुपये प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गई। सोने की कीमतों में इस उछाल के पीछे मुख्य रूप से 3 कारण हैं। आइए इन्हें एक-एक कर जानते हैं।

1. अमेरिकी ब्याज दर में कटौती की उम्मीदें

सोने की कीमतों में उछाल के पीछे मुख्य कारण ब्याज दर में कटौती की उम्मीद है। अमेरिकी फेडरल रिजर्व बैंक के अधिकारियों के हालिया बयानों से यह संकेत मिल रहा है, सितंबर में ब्याज दरों में कटौती हो सकती है। इससे निवेशकों की गोल्ड में दिलचस्पी बढ़ गई है। KCM ट्रेड के चीफ मार्केट एनालिस्ट्स टिम वॉटरर ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया, "निवेशक कम ब्याज दरों वाली रिजीम के आगमन के लिए खुद को तैयार कर रहे हैं, जिसके चलते सोने का भाव अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गया। अब इसका अगला टारगेट 2,500 डॉलर की सीमा को पार करना होगा। हालांकि मौजूदा स्थितियां ऐसी ही बनी रहती हैं, तो हमें साल के अंत तक सोने का भाव और ऊपर जाता हुआ दिख सकता है।"

बाजार को उम्मीद है कि सितंबर की बैठक में फेडरल रिजर्व की ओर से ब्याज दरों में कम से कम 0.25 फीसदी की कटौती की जाएगी। ब्याज दरों में कमी होने पर नॉन-यील्ड वाले बुलियन का आकर्षण बढ़ जाता है, क्योंकि सोना को रखने की लागत कम हो जाती है।


2. निवेशक का सेंटीमेंट और बाजार की स्थिति

गोल्ड की कीमतों में आई हालिया तेजी में इनवेस्टर्स सेंटीमेंट की काफी अहम भूमिका रही है। बाजार की मौजूदा स्थितियां भी सोने की चाल के आगे मजबूत बने रहने का संकेत देती हैं। सिटी इंडेक्स के सीनियर एनालिस्ट मैट सिम्पसन ने कहा, "अगर सोने की कीमतें नीचे आती हैं, तो 2,450 डॉलर के स्तर पर इसे मजबूत सपोर्ट मिल सकता है। बुल्स इस स्तर से एक बार नई पोजिशन लेते हुए दिख सकते हैं।" यह बयान बताता है कि सोने की कीमतों में थोड़ी भी गिरावट आने पर निवेशक अधिक सोना खरीदने के लिए तैयार हैं। यह कुल मिलाकर गोल्ड मार्केट के अपवर्ड ट्रेंज की ओर इशारा करता है।

3. भू-राजनीतिक तनाव और चाइनीज डिमांड

भू-राजनीतिक तनावों और दुनिया में सोने का सबसे बड़े उपभोक्ता, चीन की ओर से मजबूत मांग ने भी कीमतों को बढ़ाने में योगदान दिया है। मई और जून में आधिकारिक सोने की खरीद को रोकने के बावजूद, चीन में अभी भी सोने की काफी मांग है। जानकारों के मुताबिक, चीन के रिजर्व में गोल्ड की मात्रा अभी भी कम बनी हुई हैं, और चल रहे भू-राजनीतिक तनावों के कारण उनकी मांग बनी रहने की संभावना है।

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