Get App

Commodity Roundup: सरकार का 15 लाख टन चीनी निर्यात का फैसला, मोलेसिस पर 50% निर्यात शुल्क हटाया

दीपक बल्लानी ने सीएनबीसी-आवाज से बात करते हुए कहा, “सरकार का 15 लाख टन चीनी निर्यात की अनुमति देने का फैसला उद्योग के लिए सकारात्मक कदम है। इससे बाजार में संतुलन बनेगा और घरेलू कीमतों में स्थिरता आएगी

Edited By: Sujata Yadavअपडेटेड Nov 10, 2025 पर 1:17 PM
Commodity Roundup: सरकार का 15 लाख टन चीनी निर्यात का फैसला, मोलेसिस पर 50% निर्यात शुल्क हटाया
कर्नाटक में पिछले कुछ हफ्तों से किसान गन्ने के उचित मूल्य (FRP) को लेकर आंदोलन कर रहे थे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की नीति को इस संकट का कारण बताया था।

Commodity Roundup: केंद्र सरकार ने चालू 2025-26 सीजन के लिए 15 लाख टन चीनी निर्यात करने की इजाजत दी है और मोलेसिस (गुड़) पर 50 फीसदी निर्यात शुल्क भी हटा दिया है। बता दें कि 2024 में सरकार ने मोलासेस निर्यात पर ड्यूटी लगाई थी। जिसे अब हटा दिया है। यह जानकारी केंद्रीय उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण मंत्री प्रह्लाद जोशी ने दी है। हालांकि सरकार जल्द नोटिफिकेशन जारी कर सकती है।

प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया को भेजे अपने पत्र में बताया कि सरकार का यह कदम न केवल घरेलू कीमतों को स्थिर करने में मदद करेगा, बल्कि चीनी उद्योग को राहत भी देगा।

प्रह्लाद जोशी ने कहा कि केंद्र की नीतियों के कारण अब गन्ना किसानों को भुगतान समय पर किया जा रहा है। 2014 से पहले किसान बकाया भुगतान को लेकर आंदोलन करते थे। कर्नाटक में 2022-23 और 2023-24 के सीजन का पूरा भुगतान किया जा चुका है, जबकि 2024-25 सीजन के लिए केवल ₹50 लाख का बकाया 30 सितंबर 2025 तक शेष है।

गौरतलब है कि कर्नाटक में पिछले कुछ हफ्तों से किसान गन्ने के उचित मूल्य (FRP) को लेकर आंदोलन कर रहे थे। मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने केंद्र की नीति को इस संकट का कारण बताया था। हालांकि, शुक्रवार को राज्य सरकार और चीनी मिलों ने किसानों को अतिरिक्त ₹50 प्रति टन देने का निर्णय लिया, जिससे अब किसानों को ₹3,300 प्रति टन का दर मिलेगा।

सब समाचार

+ और भी पढ़ें