सरकार चीनी एक्सपोर्ट की सीमा को बढ़ा सकती है। सरकार को अगले सीजन का उत्पादन अच्छा रहने की संभावना है। घरेलू खपत और इथेनॉल उत्पादन की जरूरतों को पूरा करने के बाद, निर्यात के लिए पर्याप्त स्टॉक उपलब्ध होगा। नए सीजन में देश की चीनी की खपत (sugar consumption growth) चालू वर्ष के 280 लाख टन से बढ़कर 285-290 लाख टन के बीच रहने की संभावना है।
नए मार्केटिंग वर्ष की शुरुआत 50 लाख मीट्रिक टन के स्टॉक के साथ होगी। चालू मार्केटिंग वर्ष की शुरुआत में स्टॉक 80 लाख टन था।
CNBC-आवाज़ पर खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा कि 10 लाख टन एक्सपोर्ट की मंजूरी मिली थी। 20 लाख टन एक्सपोर्ट की मंजूरी संभव है। उत्पादन के आधार पर फैसला लिया जाएगा । इंडस्ट्री अनुमान से ज्यादा उत्पादन की उम्मीद है। शुगर इंडस्ट्री की एक्सपोर्ट कोटा बढ़ाने की मांग है।
बता दें कि ISMA अनुमान लगाया था कि 1 अक्टूबर से शुरू होने वाले 2025-26 मार्केटिंग वर्ष में 349 लाख टन चीनी उत्पादन होगा। प्राइवेट चीनी मिलों की संस्था इस्मा ने ताजा सैटेलाइट इमेजरी और जमीनी रिपोर्ट के आधार पर यह आकलन किया। एसोसिएशन ने 31 जुलाई को जारी अपने प्रारंभिक अनुमान में भी 349 लाख टन चीनी उत्पादन की संभावना जताई थी।
ISMA का कहना है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में गन्ने की गुणवत्ता में सुधार होने के कारण वहां उत्पादन में कुछ बढ़ोतरी होने की संभावना है। दूसरी तरफ, बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों में उत्पादन में मामूली गिरावट के आसार हैं। इस कारण पूरे सीजन के लिए अनुमान 349 लाख टन पर स्थिर रखा गया है।
जगजीवन केशवजी एंड कंपनी के प्रफुल्ल विठलानी ने कहा कि 10 लाख टन एक्सपोर्ट की मंजूरी मिली थी। अब तक 7 लाख टन चीनी का ही एक्सपोर्ट हुआ है। इंटरनेशनल मार्केट दाम बढ़ने से एक्सपोर्ट कम हुआ। यूरोप, पश्चिम देशों में चीनी की खपत ज्यादा है।