एक सरकारी अधिसूचना के मुताबिक भारत सरकार ने मंगलवार 4 अप्रैल 2023 की प्रभावी तिथि से कच्चे तेल के उत्पादन पर लागू विंडफॉल टैक्स को हटा लिया है। बता दें कि अभी तक कच्चे तेल पर 3500 रुपये ($ 42.56) प्रति टन की दर से विंडफॉल टैक्स लागू था। इसके साथ ही डीजल पर लागू विंडफॉल टैक्स को पहले के 1 रुपये से घटाकर 0.50 रुपये प्रति लीटर कर दिया गया है। वहीं पेट्रोलियम और एटीएफ पर कोई विंडफॉल टैक्स नहीं है।
बता दें कि भारत ने जुलाई में कच्चे तेल के उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाया था। इसके साथ ही गैसोलीन, डीजल और एविएशन फ्यूल के एक्सपोर्ट पर लेवी लगाने का ऐलान किया गया था। गौरतलब है कि देश की प्राइवेट रिफाइनरीज पेट्रोलियम उत्पाद की बढ़ती कीमतों का फायदा उठाने के लिए घरेलू बाजार में बिक्री करने की जगह ग्लोबल मार्केट में बिकवाली करके फायदा उठाने के लिए फिराक में थी। जिसको देखते हुए सरकार ने घरेलू बाजार में पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स की कीमतों को बढ़ने से रोकने के लिए गैसोलीन, डीजल और एविएशन फ्यूल पर एक्सपोर्ट पर टैक्स लगाने का निर्णय लिया था।
भारत में पिछले साल 1 जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया गया था
बताते चलें ति पिछले 2 हफ्तों के औसत भाव के आधार पर हर पखवाड़े पेट्रोलियम प्रोडक्ट पर लगने वाले टैक्स की समीक्षा की जाती है। ये भी बता दें कि गुजरात के जामनगर में एक रिफाइनरी कॉम्पलेक्स का संचालन करने वाली रिलायंस इंडस्ट्री और रोसनेफ्ट (Rosneft)के निवेश वाली न्यारा एनर्जी (Nayara Energy)देश से फ्यूल एक्सपोर्ट करने वाली बड़ी प्राइवेट कंपनियां है। भारत में पिछले साल 1 जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया गया था।
विंडफॉल टैक्स सरकारों द्वारा तब लगाया जाता है जब कोई इंडस्ट्री अप्रत्याशित रूप से बड़ा मुनाफा कमाती है। ये टैक्स पिछले साल जुलाई में लगाया गया था क्योंकि इस दौरान हाई एनर्जी प्राइस के कारण तेल उत्पादकों का मुनाफा अप्रत्याशित रूप से बढ़ गया था। 1 जुलाई 2022 से अब तक कच्चे तेल पर लागू विंडफॉल टैक्स में काफी गिरावट हुई है। जुलाई 2022 में ये 23250 रुपए प्रति टन था। लेकिन 21 मार्च 2023 तक ये 3500 रुपये प्रति टन पर आ गया था। ब्रेंट क्रूड ऑयल की कीमतों में गिरावट के साथ ही विंडफॉल टैक्स में भी कमी आती रही है।