Commodity Market : सरसों के भाव MSP से 10% नीचे, खाने के तेल के ड्यूटी फ्री इंपोर्ट ने बनाया दबाव

Mustard prices : देश में सरसों का उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा खाने के तेल का ड्यूटी फ्री इंपोर्ट से भी सरसों पर दबाव बना है। लगातार दूसरे साल सरसों के दाम MSP के नीचे दिख रहे हैं। 2023-24 में 126.96 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है। इस साल राजस्थान में 58.44 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 17.46 लाख टन और मध्य प्रदेश में 16.65 लाख टन उत्पादन का अनुमान है

अपडेटेड Mar 18, 2024 पर 8:26 PM
Story continues below Advertisement
Mustard price : आने वाले दिनों में सरसों की आवक और बढ़ने की उम्मीद है। NAFED ने सरसों की खरीदारी शुरू कर दी है। बाजार में कीमतें अब स्थिर रहने की उम्मीद है

सरसों पर दबाव बरकरार है। मंडियों में सरसों का भाव MSP से नीचे कायम है। 2023-24 की सरसों की MSP 5650 रुपए प्रति क्विंटल है। सरसों के भाव MSP से 10 फीसदी नीचे दिख रहा है। लगातार दूसरे साल सरसों के दाम MSP के नीचे दिख रहे हैं। 1 मार्च तक पुराना स्टॉक 12 लाख टन था। बता दें कि देश में सरसों के उत्पादन में चार राज्यों की 70 फीसदी हिस्सेदारी है।

सरसों में दबाव के कारण की बात करें तो देश में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। इसके अलावा खाने के तेल का ड्यूटी फ्री इंपोर्ट से भी सरसों पर दबाव बना है।

सरसों के उत्पादन पर नजर डालें तो 2018-19 में 92.56 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था। वहीं, 2019-20 में 91.24 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था। जबकि 2020-21 में 102.10 लाख टन और 2021-22 में 119.63 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था। 2022-23 में 126.43 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ था। जबकि, 2023-24 में 126.96 लाख टन सरसों के उत्पादन का अनुमान है। इस साल राजस्थान में 58.44 लाख टन, उत्तर प्रदेश में 17.46 लाख टन, मध्य प्रदेश में 16.65 लाख टन, हरियाणा में 13.04 लाख टन और पश्चिम बंगाल में 7.81 लाख टन उत्पादन होने का अनुमान है।


COOIT सुरेश नागपाल का कहना है कि इस साल 123 लाख टन सरसों के फसल के उत्पादन की उम्मीद है। बीते 10 दिनों में सोयाबीन और पाम की कीमतों में तेजी आई है। NAFED सरसों की खरीद शुरू कर चुका है। देश 65% खाने का तेल इंपोर्ट करता है। पाम के दाम चढ़ने से सरसों की कीमतों में भी तेजी आई है। सरकार से सरसों DOC एक्सपोर्ट पर राहत की मांग की गई है। सरकार की कोशिशों से सरसों की फसल बढ़ी है। सिर्फ सरसों से ही 40% तेल मिलता है। देश में सरसों के तेल की मांग 30-35 लाख टन की है। साल खत्म होने से पहले पूरी सरसों की पेराई हो जानी चाहिए।

सरकार के साथ इंडस्ट्री की बातचीत जारी है। अगले 2 महीनों तक NAFED खरीदारी करता रहेगा।

Gold Rate: सोना 10 रुपये और चांदी 100 रुपये हुई सस्ती, चेक करें रेट

विजय सॉल्वेक्स के विजय डाटा का कहना है कि आने वाले दिनों में सरसों की आवक और बढ़ने की उम्मीद है। NAFED ने सरसों की खरीदारी शुरू कर दी है। बाजार में कीमतें अब स्थिर रहने की उम्मीद है। मंडियों में 10-12 लाख टन सरसों आई है। सरकार 31 मार्च 2025 इंपोर्ट ड्यूटी नहीं बढ़ाने वाली है। चुनावों के बाद सरकार अपने फैसले की समीक्षा करेगी। इंडस्ट्री के लिए इंपोर्ट ड्यूटी का बढ़ना जरूरी है। ड्यूटी फ्री इंपोर्ट से घरेलू इंडस्टी की स्थिति खराब हो रही है। NAFED इस साल 20-25 लाख टन सरसों की खरीद पाएगी। सरकार तेलों पर 15-20% इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ा सकती है। NAFED के खरीद के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया आसान नहीं है। सरसों के भाव 2-4/किलो बढ़ या घट सकते हैं।

MoneyControl News

MoneyControl News

First Published: Mar 18, 2024 8:24 PM

हिंदी में शेयर बाजार स्टॉक मार्केट न्यूज़,  बिजनेस न्यूज़,  पर्सनल फाइनेंस और अन्य देश से जुड़ी खबरें सबसे पहले मनीकंट्रोल हिंदी पर पढ़ें. डेली मार्केट अपडेट के लिए Moneycontrol App  डाउनलोड करें।