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क्या इंडिया और चीन के रूस से ज्यादा ऑयल खरीदने से क्रूड में आई नरमी?

इस महीने की शुरुआत में WTI Crude का भाव 122 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गया था। इसके भाव में आई बड़ी गिरावट से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद बढ़ी है। यूक्रेन क्राइसिस के बाद क्रूड ऑयल में उछाल आया था

MoneyControl Newsअपडेटेड Jun 23, 2022 पर 9:53 AM
क्या इंडिया और चीन के रूस से ज्यादा ऑयल खरीदने से क्रूड में आई नरमी?
रूस अपने पैसेफिक कोस्ट से सिर्फ चीन को क्रूड की सप्लाई कर रहा है। रूस इंडिया को अपने पश्चिमी बंदरगाह से क्रूड भेज रहा है।

Crude Oil की कीमतों में नरमी आई है। ब्रेंट क्रूड (Brent Crude) का भाव 110 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गया है। WTI crude के प्राइस भी 105 डॉलर प्रति बैरल से नीचे आ गए हैं। अमेरिका ने कहा है कि रूस से इंडिया और चीन के ज्यादा ऑयल खरीदने से इसकी कीमतों में गिरावट आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन (Joe Biden) के इकोनॉमिक एडवाइजर्स ने कहा है कि ऐसा लगता है कि अमेरिका ने जितना अनुमान लगाया था उससे ज्यादा ऑयल इंडिया और चीन रूस से खरीद रहे हैं।

इस महीने की शुरुआत में WTI Crude का भाव 122 डॉलर प्रति बैरल से ऊपर पहुंच गया था। इसके भाव में आई बड़ी गिरावट से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कमी आने की उम्मीद बढ़ी है। यूक्रेन क्राइसिस के बाद क्रूड ऑयल में उछाल आया था। इससे दुनियाभर में पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ गईं।

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रूस अपने पैसेफिक कोस्ट से सिर्फ चीन को क्रूड की सप्लाई कर रहा है। रूस इंडिया को अपने पश्चिमी बंदरगाह से क्रूड भेज रहा है। चीन से क्रूड कुल सप्लाई में इंडिया और चीन सहित एशियाई देशों को करीब 50 फीसदी हिस्सेदारी है। रूस कुछ तेल यूरोपीय देशों को भी एक्सपोर्ट कर रहा है। यह ऑयल स्वेज कैनाल के रास्ते जा रहा है।

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