Basmati Rice: पंजाब में लगातार हो रही भारी बारिश और बाढ़ के कारण इस साल बासमती चावल की पैदावार में 20-25 फीसदी तक की कमी का अनुमान है। इससे वैश्विक बाजार में बासमती की आपूर्ति सीमित हो जाएगी, जिससे उसके प्राइस में बढ़ोतरी देखने को मिल सकती है। प्राइस अगर बढ़ता है, तो निर्यातकों की कमाई में भी इजाफा देखने को मिल सकता हैं। बता दें कि फिलहाल भारत के बासमती चावल के एक्सपोर्ट में पंजाब की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है।
पंजाब राइस मिलर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के निदेशक अशोक सेठी ने बताया कि, 'प्रदेश में अभी बारिश लगातार हो रही है। ऐसे में फसलों, घरों और मवेशियों को हुए नुकसान का सही अंदाजा लगाना मुश्किल है।' इंडस्ट्री से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, पंजाब में बाढ़ की वजह से अकेले करीब 1.5 लाख एकड़ बासमती की फसल प्रभावित हुई है।
ये इलाके है सबसे ज्यादा प्रभावित
पंजाब के कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने बताया कि बाढ़ और भारी बारिश से राज्य में लगभग 6 लाख एकड़ की फसल को नुकसान पहुंचा है। इसमें बासमती और गैर-बासमती चावल के साथ-साथ कपास की फसल भी शामिल है। सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में गुरदासपुर, पठानकोट, फाजिल्का, कपूरथला, तरनतारन, फिरोजपुर, होशियारपुर और अमृतसर शामिल हैं। ये आठ जिले मिलकर राज्य के बासमती चावल उत्पादन क्षेत्र का 52% से अधिक हिस्सा है।
कृषि मंत्री ने दिया मदद का आश्वासन
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बाढ़ प्रभावित राज्यों की फसलों का जायजा लेने के बाद कहा कि वह जल्द ही पंजाब का दौरा करेंगे। उन्होंने कहा, 'पंजाब के किसानों को बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं हैं। केंद्र सरकार इस प्राकृतिक आपदा की घड़ी में प्रभावित किसानों के साथ खड़ी है।'
पैदावार कम, फिर भी निर्यातकों को होगा फायदा
बासमती के उत्पादन में कमी के बावजूद, निर्यातकों को इस साल बेहतर मुनाफा होने की उम्मीद है। इसका एक बड़ा कारण यह भी है कि दुनिया में बासमती उगाने वाले दूसरे एकमात्र देश पाकिस्तान में भी बाढ़ से फसल को भारी नुकसान हुआ है। पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 में बासमती निर्यातकों को औसतन 980 डॉलर प्रति टन की कीमत मिली थी। बासमती चावल के एक्सपोर्ट से जुड़े सूत्रों का कहना है कि बाढ़ से पहले जहां निर्यातक 900 से 1,000 डॉलर प्रति टन के औसत पर डील कर रहे थे, अब यह कीमत जल्द ही बढ़कर कम से कम 1,050 डॉलर प्रति टन हो सकती है।