10 साल के निचले स्तर पर पहुंचा सोयाबीन का भाव, एक्सपर्ट्स से जानिए आगे कैसा रहेगा आउटलुक

डीएन पाठक का कहना है कि सरकार सोयाबीन के बाजार के हालात को समझ नहीं पा रही है। उनका कहना है कि सोयाबीन के दाम और गिरे तो किसानों को काफी नुकसान होगा। सोयाबीन की नई फसल अक्टूबर से आनी भी शुरु हो जाएगी

अपडेटेड Aug 22, 2024 पर 1:57 PM
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US में रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद से दाम गिरे। USDA को 2024 में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है।

इंटरनेशनल मार्केट में सोयाबीन की कीमतों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। US में सोयाबीन की कीमतें 4 सालों के निचले स्तरों पर पहुंच गई है। जबकि भारत में सोयाबीन का भाव 10 सालों के निचले स्तरों पर नजर आ रहा है। बता दें कि अमेरिका में सोयाबीन के दाम 937 प्रति डॉलर बुशेल तक गिरे है। वहीं मंडियों में सोयाबीन MSP के नीचे बिक रहा है। भारत में 3500-4000 रुपये प्रति क्विंटल तक भाव गिरे। 2024-25 के लिए सायोबीन का MSP 4892 रुपये प्रति क्विंटल है।

बतातें चलें कि US में रिकॉर्ड उत्पादन की उम्मीद से दाम गिरे। USDA को 2024 में उत्पादन बढ़ने की उम्मीद है। USDA का मानना है कि 4.6 बिलियन बुशल उत्पादन संभव है।

इंटरनेशनल मार्केट में खाने का तेल की चाल पर नजर डालें तो 1 हफ्ते मे सोयाबीन 1 फीसदी चढ़ा है जबकि 1 महीने में इसमें 14 फीसदी की गिरावट आई है। वहीं 1 साल में यह 29 फीसदी गिरा था। वहीं 1 हफ्ते में पाम ऑयल में 1 फीसदी की तेजी आई है जबकि सरसों में 0.24 फीसदी और सनफ्लावर में 0.13 फीसदी की बढ़त दिखी है। तिलहन की बुआई पर नजर डालें तो मूंगफली की बुआई 9 फीसदी, सोयाबीन की बुआई 1 फीसदी, सनफ्लावर की बुआई 8 फीसदी बढ़ी है।


सरकार को सोयाबीन खरीदना चाहिए

SOPA के ED डीएन पाठक का कहना है कि सरकार सोयाबीन के बाजार के हालात को समझ नहीं पा रही है। उनका कहना है कि सोयाबीन के दाम और गिरे तो किसानों को काफी नुकसान होगा। सोयाबीन की नई फसल अक्टूबर से आनी भी शुरु हो जाएगी। मंडियो मे सोयाबीन का भाव 4100-4200 रुपये प्रति क्विंटल है। जबकि इसका प्रोडक्शन कॉस्ट 3162 रुपये प्रति क्विंटल है।

उन्होंने आगे कहा कि सोयाबीन की खेती की लागत भी काफी बढ़ गई है। पाठक ने आगे इस बातचीत में कहा कि पिछले 2 महीने में खाने के तेल का काफी इंपोर्टहुआ है। उन्होंने आगे कहा कि प्राइस डिफरेंस सिस्टम लागू किया जाए। प्राइस कंट्रोल के लिए सरकार को सोयाबीन खरीदना चाहिए। खाने के तेल की इंपोर्ट ड्यूटी बढ़ाया जाए।

अजय केडिया ने कहा कि कैस्टर फंडामेटल लिहाजा से काफी अच्छा लग रहा है। डॉमेस्टिक मार्केट में कैस्टर की कीमतों में फिर से उछाल की संभावना नजर आ रही है। आगे कैस्टर सीड 6400- 6500 रुपये तक का लक्ष्य दिखा सकता है। वहीं कॉटन सीड ऑयल कैक में एक अच्छी खासी रैली देखी है। हालांकि सप्लाई में थोड़ी कमी आई है। कॉटन सीड ऑयल कैक में 3300-3320 के आसपास सपोर्ट जोन बना हुआ है। अगले 1 महीने का नजरिया रख इसमें निवेश करें।

(डिस्क्लेमर: मनीकंट्रोल.कॉम पर दिए गए विचार एक्सपर्ट के अपने निजी विचार होते हैं। वेबसाइट या मैनेजमेंट इसके लिए उत्तरदाई नहीं है। यूजर्स को मनी कंट्रोल की सलाह है कि कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले सार्टिफाइड एक्सपर्ट की सलाह लें।

MoneyControl News

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First Published: Aug 22, 2024 1:57 PM

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