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Ukraine Crisis: रूस से सस्ता क्रूड ऑयल खरीद सकता है इंडिया, जानिए पूरा मामला

पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा था कि इंडिया रूस से सस्ते भाव पर ऑयल खरीदने के ऑफर पर विचार कर रहा है

अपडेटेड Mar 16, 2022 पर 3:34 PM
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इंडिया अपनी जरूरत का 85 फीसदी ऑयल इंपोर्ट करता है। इंडिया ने पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी के दौरान 17.6 करोड़ टन का इंपोर्ट किया है।

रूस इंडिया को काफी कम कीमत पर क्रूड ऑयल (Crude Oil) बेच सकता है। रूस इंडिया का बहुत पुराना दोस्त है। दोनों देशों में 35 लाख बैरल की यह डील जल्द हो सकती है। रूस इस ऑयल को इंडिया पहुंचाने और इंश्योरेंस का खर्च खुद उठाएगा। अंग्रेजी बिजनेस न्यूज वेबसाइट इकोनॉमिक टाइम्स ने यह खबर दी है।

रूस और यूक्रेन की लड़ाई में इंडिया ने अपना स्टैंड न्यूट्रल रखा है। उसने बातचीत से समाधान निकालने पर जोर दिया है। उसने संयुक्त राष्ट्र में इस मसले पर हुई वोटिंग में हिस्सा नहीं लिया है। उधर, अमेरिका ने कहा है कि अगर इंडिया बहुत कम भाव पर रूस से ऑयल खरीदने का ऑफर मान लेता है तो इससे रूस पर लगाए गए अमेरिकी प्रतिबंधों का उल्लंघन नहीं होगा।

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पेट्रोलियम मिनिस्टर हरदीप सिंह पुरी ने सोमवार को राज्यसभा में कहा था कि इंडिया रूस से सस्ते भाव पर ऑयल खरीदने के ऑफर पर विचार कर रहा है। उन्होंने कहा था कि डिस्काउंट पर ऑयल खरीदने से इंडिया के लिए ऑयल की कॉस्ट घट जाएगी। अंग्रेजी न्यूज वेबसाइट टीओआई ने खबर दी है कि डील के बाद रूस जल्द इंडिया को ऑयल की डिलीवरी कर सकता है।

अभी इस डील के पेमेंट के तौर-तरीकों को सरकार ने अंतिम रूप नहीं दिया है। लेकिन माना जा रहा है कि रुपया और रूबल में इस डील को जल्द मंजूरी मिल सकती है। इंडिया अपनी जरूरत का 85 फीसदी ऑयल इंपोर्ट करता है। इंडिया ने पिछले साल अप्रैल से इस साल जनवरी के दौरान 17.6 करोड़ टन का इंपोर्ट किया है। अगर इंडिया रूस से 36 लाख टन रूस से खरीदता है तो अप्रैल से जनवरी के कुल सौदे का 2 फीसदी होगा।

अमेरिकी सरकार के अफसरों ने इंडिया की पॉजिशन को समझने का संकेत दिया है। उन्होंने अमेरिकी सांसदों को बताया है कि अपनी सुरक्षा के लिए इंडिया काफी ज्यादा रूस पर निर्भर है। हालांकि, इंडियन-अमेरिकी मूल की सांसद डॉ एमी बेरा ने रूस से इंडिया के ऑयल खऱीदने की खबर पर निराशा जताई है।

यूक्रेन पर रूस के हमले शुरू होने के बाद से ऑयल की कीमतें में उछाल आया है। क्रूड ऑयल का भाव बढ़कर 130 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गया था। हालांकि, इसमें नरमी के संकेत दिखे हैं। अब क्रूड का भाव 100 डॉलर प्रति बैरल से नीचे चला गया है। रूस-यूक्रेन के बीच लड़ाई खत्म होने की उम्मीद से क्रूड में गिरावट आई है।

रूस दुनिया में क्रूड का बड़ा उत्पादक है। लेकिन, यूक्रेन पर हमले के बाद अमेरिका और यूरोपीय देशों ने रूस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए हैं। अमेरिका ने तो रूस के क्रू़ड ऑयल पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

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