Wheat News: देश में गेहूं के दाम एक महीने में 2% चढ़े हैं। आटे की कीमतों में भी 1% से ज्यादा का उछाल है। वहीं इंटरनेशनल मार्केट में भी कीमतों में 3 महीने के निचले स्तरों से रिकवरी देखने को मिल रही है। बाजारों में गेहूं 1 महीने में महंगा हुआ। गेहूं के रिटेल और होलसेल दाम 2% चढ़े । आटे की कीमतों में भी 1% से ज्यादा की तेजी आई है। शिकागो में $519/बुशेल के पार दाम निकले है। 5 अगस्त को 3 महीनों के निचले स्तरों पर भाव थे।
गेहूं के रिटेल भाव में 1.57 फीसदी और होलसेल भाव में 1.54 फीसदी का उछाल आया है। जबकि आटे का रिटेल भाव 1.06 फीसदी और होलसेल भाव 1.20 फीसदी चढ़ा है।
गेहूं का OMSS भाव देखें तों 2024-25 मार्केटिंग सीजन में गेहूं का भाव 2300 रुपये प्रति क्विंटल पर था जबकि 2025-26 में गेहूं का मार्केटिंग सीजन 2550रुपये प्रति क्विंटल पर है।
इंटरनेशनल मार्केट में गेहूं की कीमतों पर नजर डालें तो 1 हफ्ते में इसमें 0.38 फीसदी की तेजी देखने को मिली है जबकि 1 महीने में इसमें 4.21 फीसदी का दबाव देखने को मिला।। वहीं जनवरी 2025 से अब तक गेहूं के दाम 5.94 फीसदी टूटे है। जबकि 1 साल में इसमें 3.36 फीसदी की बढ़त देखने को मिली।
WPPS अजय गोयल ने कहा कि सितंबर -अक्तूबर में OMSS के तहत गेहूं की बिक्री की उम्मीद है। 20-25 दिन पहले ही गेहूं के दाम बढ़े थे। भाव बढ़ने पर मंडियो में सप्लाई बढ़ जाती है। अजय गोयल ने कहा कि त्योहारों के मद्देनजर गेहूं की मांग बढ़ने की उम्मीद है।
बाजार में सप्लाई को लेकर कोई दिक्कत नहीं है। सरकार 2-6 महीनों में पॉलिसी में बदलाव कर सकती है। गेहूं पर एक बड़ी नीति 2-6 महीनों में आने की उम्मीद है। भारत को कम restrictions और Private trade की भागीदारी के लिए एक free बाजार के साथ काम करने की ज़रूरत है।
उन्होंने कहा कि सरकार से वीट ब्रान के एक्सपोर्ट को मंजूरी देने की अपील है। अमेरिकी बाजार में रिकवरी का असर भारतीय बाजारों पर नहीं होगा।
गेहूं की कीमते आगे कैसी रहेगी इस सवाल का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि गेहूं की कीमतें रेंजबाउड रह सकती है। OMSS की तलवार जब तक लटकी है तब तक गेहूं की कीमतों में आगे तेजी की उम्मीद नहीं नजर आती। मेरा मानना है कि गेहूं का ट्रू- फ्री मार्केट होना जरुरी है।