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Yellow Cabbage: किसानों की किस्मत चमका रही पीली गोभी, जानिए इसकी खेती से कैसे हो रही बंपर कमाई

Agriculture tips: पीली गोभी की खेती किसानों के लिए नई संभावनाएं खोल रही है। यह फसल विटामिन A, C, K और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होने के साथ बाजार में हरी गोभी से महंगी बिक रही है। सही तकनीक, मिट्टी और जैविक खाद के उपयोग से इसका उत्पादन लाभदायक हो सकता है। बढ़ती मांग के कारण यह किसानों के लिए सुनहरा अवसर बन रही है

अपडेटेड Feb 17, 2025 पर 11:18 AM
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Agriculture tips: बाजार में छाई पीली गोभी, किसानों के लिए बनी सोने की खान

परंपरागत खेती से अलग हटकर कुछ नया करने की हिम्मत ही सफलता की कुंजी होती है। उत्तर प्रदेश के गोंडा जिले के एक किसान ने ऐसा ही कदम उठाया और पीली गोभी की खेती शुरू कर दी। यह अनोखी सब्जी न सिर्फ देखने में अलग है, बल्कि सेहत और मुनाफे के लिहाज से भी शानदार साबित हो रही है। पीली गोभी विटामिन A, C और K से भरपूर होती है, जो शरीर को मजबूत बनाती है। इसका हल्का मीठा स्वाद इसे सलाद और व्यंजनों के लिए बेहतरीन बनाता है। दिलचस्प बात यह है कि यह हरी गोभी से महंगी बिकती है, जिससे किसानों को अच्छा मुनाफा मिल रहा है।

इसकी बढ़ती मांग को देखकर अब कई और किसान भी इसे अपनाने के लिए प्रेरित हो रहे हैं। सही तकनीक और देखभाल के साथ यह खेती भविष्य में बड़ा लाभ देने वाली साबित हो सकती है।

कैसे करें पीली गोभी की खेती?


सही मिट्टी और जलवायु का चयन जरूरी: पीली गोभी उगाने के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है, जिसकी जल निकासी अच्छी हो और pH स्तर 6.0 से 6.5 के बीच हो। बेहतर फसल उत्पादन के लिए मिट्टी में जैविक खाद मिलानी चाहिए, जिससे फसल स्वस्थ और पोषक तत्वों से भरपूर बनी रहती है।

बीज तैयार करने की प्रक्रिया: पीली गोभी की खेती के लिए सबसे पहले नर्सरी में बीज बोए जाते हैं। इन बीजों को 4-6 हफ्तों तक विकसित किया जाता है, जब तक कि वे मुख्य खेत में रोपाई के लिए तैयार न हो जाएं।

खाद और उर्वरक का संतुलित उपयोग: पौधों की बेहतर ग्रोथ के लिए प्रति हेक्टेयर 15-20 टन गोबर की खाद मिलानी चाहिए। इसके अलावा, संतुलित मात्रा में नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटाश देने से फसल की गुणवत्ता बेहतर होती है और उत्पादन बढ़ता है।

सिंचाई और फसल की देखभाल: पौधों की रोपाई के तुरंत बाद पहली सिंचाई करना जरूरी होता है। इसके बाद, मिट्टी की नमी और मौसम के हिसाब से नियमित रूप से पानी दिया जाता है। जैविक कीटनाशकों के इस्तेमाल से फसल को हानिकारक कीटों से बचाया जा सकता है, जिससे उसकी गुणवत्ता बनी रहती है।

कटाई और बाजार में बिक्री: जब गोभी पूरी तरह से परिपक्व हो जाती है, तो उसकी कटाई की जाती है। इसके बाद इसे आकार और गुणवत्ता के आधार पर अलग-अलग श्रेणियों में बांटकर बाजार में भेजा जाता है। इसकी अनोखी बनावट और पोषण से भरपूर होने के कारण यह तेजी से लोकप्रिय हो रही है।

स्वास्थ्य के लिए क्यों फायदेमंद है पीली गोभी?: पीली गोभी सिर्फ स्वाद में ही नहीं, बल्कि सेहत के लिहाज से भी बेहतरीन होती है। इसमें विटामिन A, C और K भरपूर मात्रा में होते हैं। इसके अलावा, ये फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होती है, जो पाचन को बेहतर बनाते हैं और इम्यूनिटी को मजबूत करते हैं।

किसानों के लिए सुनहरा मौका

पीली गोभी की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है और यह सामान्य हरी गोभी से महंगी बिक रही है। जैविक और विशेष फसलों की बढ़ती मांग के कारण यह किसानों के लिए एक लाभदायक खेती साबित हो सकती है। अगर सही तकनीकों और देखभाल के साथ इसकी खेती की जाए, तो यह अच्छी आमदनी देने वाली फसल बन सकती है। व्यापारी इसे खरीदने के लिए हमेशा उत्सुक रहते हैं, जिससे किसानों को अपनी फसल बेचने में कोई दिक्कत नहीं होती।

क्या आप भी अपनाएंगे यह खास खेती?

अगर आप खेती में कुछ नया और लाभदायक करना चाहते हैं, तो पीली गोभी एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। सही योजना, तकनीकी ज्ञान और मेहनत के साथ यह फसल आपकी आमदनी बढ़ाने में मदद कर सकती है।

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MoneyControl News

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First Published: Feb 17, 2025 11:18 AM

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