एचडीएफसी बैंक के के वेंकटेश अगले कुछ हफ्तों में स्पंदना स्फूर्ति के एमडी और सीईओ बनने जा रहे हैं। अभी वह एचडीएफसी बैंक में माइक्रोफाइनेंस बिजनेस के हेड हैं। उनकी नियुक्ति से स्पंदना स्फूर्ति की लीडरशिप को लेकर अनिश्चितता खत्म हो जाने की उम्मीद है। इस साल अप्रैल से यह अनिश्चितता बनी हुई थी।
इस साल 23 अप्रैल को Spandhana Sphoorty के एमडी और सीईओ शैलभ सक्सेना ने इस्तीफे का एलान किया था। उन्होंने स्पंदना स्फूर्ति के बाहर किसी जिम्मेदारी को संभालने के लिए तुरंत प्रभाव से इस्तीफा दे दिया था। तब कंपनी के सीएफओ आशीष दमानी को सीईओ नियुक्त किया गया था।
वेंकटेशन की नियुक्ति को स्पंदना स्फूर्ति की लीडरशिप में दूसरे दौर के बदलाव के रूप में देखा जा रहा है। नवंबर 2021 में स्पंदना स्फूर्ति की फाउंडर और सीईओ पद्मजा रेड्डी ने इस्तीफा दे दिया था। सक्सेना और दमानी पहले भारत फाइनेंशियल इनक्लूजन (इंडसइंड बैंक की इकाई) के एग्जिक्यूटिव्स थे। रेड्डी के इस्तीफे के तुरंत बाद स्पंदना स्फूर्ति ने दोनों से संपर्क किया था।
लीडरशिप में बदलाव के बारे में जानने के लिए स्पंदना स्फूर्ति को भेजे गए ईमेल का जवाब नहीं मिला। वेंकटेशन से तुरंत संपर्क नहीं हो सका। केदारा कैपिटल के निवेश वाली स्पंदना स्फूर्ति की मुश्किल इस साल मार्च तिमाही में चरम पर पहुंच गई थी। तब इसका नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (NPA) 5.63 फीसदी पर पहुंच गया था।
मनीकंट्रोल ने मई में बताया था कि कंपनी की कैश पोजीशन का पता लगाने के लिए फॉरेंसिक ऑडिट शुरू हो सकता है। 30 सितंबर, 2025 को कंपनी की लोन बुक 4,088 करोड़ रुपये पर पहुंच गई थी। बीते एक साल में कंपनी का शेयर 34 फीसदी फिसला है।