HDFC बैंक के मैनेजिंग डायरेक्टर और चीफ एग्जिक्यूटिव ऑफिसर (CEO) आदित्य पुरी ने कहा कि उनका पसंदीदा उत्तराधिकारी कोई ऐसा कैंडिडेट हैं जिसके HDFC बैंक में 25 साल हो गए हैं। हालांकि उन्होंने किसी का नाम नहीं बताया। पुरी ने 18 जुलाई को HDFC बैंक के वर्चुअल AGM में शेयरधारकों से कहा, "वह (उत्तराधिकारी) हमारे साथ 25 साल से काम कर रहे हैं...मेरा उत्तराधिकारी हमेशा से मेरे दिमाग में था।" उन्होंने कहा कि कैंडिडेट को बिजनेस की अच्छी समझ है और वह तेजी से चीजों को सीखते हैं।
पिछले 26 सालों में HDFC बैंक को सबसे वैल्यूएबल बनाने का क्रेडिट आदित्य पुरी को दिया जाता है। इस साल की शुरुआत में एक मीडिया रिपोर्ट में यह कहा गया था कि बैंक ने आदित्य पुरी की जगह लेने के लिए जिन नामों पर विचार कर रही है उनमें बैंक के भीतर से शशिधर जगदीशन और कैज़ाद भरुचा हैं। इनके अलावा सिटी बैंक सुनील गर्ग के नाम पर भी चर्चा हो रही थी। पुरी ने कहा, बैंक के लिए उत्तराधिकारी का चयन करना कोई मुश्किल काम नहीं है। यह RBI के ऊपर है कि वह हमारे दिए गए नामों में से किसे चुनता है।
जगदीशन HDFC बैंक में 1996 से हैं। वह फाइनेंस मैनेजर के तौर पर ज्वाइन किया था। अभी ये फाइनेंस, HR, लीगल एंड सेक्रेटेरियल, एडमिनिस्ट्रेशन, इंफ्रास्ट्रक्चर, कॉरपोरेट कम्युनिकेशंस और कॉरपोरेट सोशनल रेसपॉन्सबिलिटी फंक्शंस के हेड हैं।
भरुचा HDFC बैंक में 1995 से काम कर रहे हैं। फिलहाल वह होलसेल बैंकिंग के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर हैं। HDFC को कंज्यूमर बेस्ड बिजनेस के लिए जाना जाता है।
18 जुलाई को पुरी ने कहा कि था कि अप्रैल के बाद इकोनॉमी में तेजी से सुधार हुआ है लेकिन आंशिक लॉकडाउन से इकोनॉमी पर बुरा असर होगा। पुरी ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान HDFC बैंक ने 12 लाख खाते खोले थे। यह लॉकडाउन से पहले के मुकाबले 80 फीसदी है। उन्होंने कहा कि सितंबर तक वह लॉकडाउन से पहले वाले लेवल पर आ जाएंगे।
पुरी ने इस बात पर ज़ोर दिया कि लॉकडाउन के दौरान किसी भी कर्मचारी की छंटनी नहीं की गई है। सेल्स टीम के कर्मचारियों को लॉकडाउन के दौरान लोन कलेक्शन की जिम्मेदारी दे दी गई थी। उन्होंने बताया कि 30 जून तक 9 फीसदी ग्राहकों ने लोन मोरटोरियम का विकल्प चुना था।
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