ऑटो स्लोडाउन के चलते अब Maruti Suzuki के कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले कर्मचारियों पर गाज गिरी है। कंपनी ने अपने संविदा पर काम करने वाले 3,000 कर्मचारियों का कॉन्ट्रैक्ट ही रिन्यू नहीं किया है।

Maruti Suzuki India Ltd के चेयरमैन आर. सी. भार्गव ने मंगलवार को बताया कि कंपनी ने कॉन्ट्रैक्ट पर काम करने वाले अपने 3,000 कर्मचारियों के कॉन्ट्रैक्ट को रिन्यू नहीं किया है। इसका मतलब है कि कॉन्ट्रैक्ट की अवधि खत्म होने के बाद इन 3,000 कर्मचारियों के पास नौकरी नहीं रहेगी।

आर. सी. भार्गव ने कंपनी की सालाना बैठक में शेयरहोल्डर्स को बताया कि सेफ्टी नॉर्म्स और बढ़ते टैक्स की वजह से कारों की कीमतें बढ़ी हैं, जिससे उनकी अफोर्डेबिलिटी पर असर पड़ा है।

मारुति सुज़ुकी भारत में गाड़ियों के उत्सर्जन को लेकर बने नए कानून का पालन करने के लिए गाड़ियों में बदलाव कर रही है। सेफ्टी नॉर्म्स लागू करने के बाद कंपनी CNG और हाइब्रिड कारों का निर्माण शुरू करने की आशा रख रही है।

चेयरमैन भार्गव ने बताया कि कंपनी इस साल 50% तक CNG गाड़ियां बढ़ाना चाहती है।

बता दें कि इंडियन ऑटो सेक्टर की कमर पिछले नौ महीनों से स्लोडाउन ने तोड़ रखी है। कई बड़ी कंपनियों ने अपना प्रोडक्शन हाल्ट कर रखा है, वहीं ऑटोमेटिव मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट्स में हजारों वर्करों की नौकरी चली गई है।

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