देश में कोरोना वैक्सीन लगाने का अभियान 16 जनवरी शनिवार से शुरु हो चुका है। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के वैक्सीनेशन प्रोगाम पर 18 जनवरी तक के लिए फिलहाल रोक लगा दी गई है। राज्य स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि कोविन (CoWin) एप्लिकेशन में आई तकनीकी दिक्कतों के चलते पूरे महाराष्ट्र में वैक्सीन प्रोगॅाम पर रोक लगा दी गई है। राज्य में शनिवार को 28,500 लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाने का लक्ष्य रखा गया था। जिसमें से 18,338 यानी 64.34 फीसदी लोगों को कोरोना टीका लगा दिया गया है। 2 दिन के बाद 19 जनवरी से फिर से कोरोना वैक्सीन लगाई जाएगी।

राज्य के कुछ जिलों में जिन्हें कोरोना वैक्सीन लगाई गई हैं उनमें 10 ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें मामूली प्रतिक्रिया (mild reaction) देखने को मिली है। बैकी कोई बड़ी घटना सामने नहीं आई है। मुंबई में कोरोना वैक्सीनेशन अभियान के पहले दिन तकनीकी खराबी के चलते 4000 लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। 1,926 लोगों को ही कोरोनाा वैक्सीन लगाई जा सकी है। यानी 48.15 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन दी गई। राज्य के हिंगोली (Hingoli) जिले में 100 फीसदी लोगों पर कोरोना वैक्सीन लगाई गई। महाराष्ट्र के बीड़ (Beed) जिले में 90.2 फीसदी, बुल्ढाणा (Buldhana) में 95.83 फीसदी लोगों को कोरोना वैक्सीन लगाई गई।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य के वैक्सीनेशन प्रोग्राम में शामिल एक अधिकारी ने कहा कि हमने 100 फीसदी कोरोना वैक्सीन लगाने की उम्मीद लगाई थी, लेकिन CoWIN ऐप में तकनीकी खराबी के चलते लोगों को देरी अलर्ट मिलते थे, लिहाजा कोरोना वैक्सीन लगाने का लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, वैक्सीनेशन प्रोग्राम के पहले देश में 1.91 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी गई। वैक्सीनेशन के लिए 3,351 सेंटर बनाए गए थे। इन वैक्सीनेशन सेंटर पर 16,755 लोगों की ड्यूटी लगाई गई।

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