Farmers Protest: राकेश टिकैत की केंद्र को चेतावनी, कहा- अनदेखी करने वालों को सबक सिखाना जानते हैं किसान

राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा कि किसान संसद से किसानों ने गूंगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया

अपडेटेड Jul 25, 2021 पर 1:51 PM
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किसान नेता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने शनिवार को एक बार फिर केंद्र को उन तीन कानूनों (Farm Laws) को लेकर आगाह किया, जिनके खिलाफ किसान धरना प्रदर्शन (Farmers Protest) कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसान उन लोगों को सबक सिखाना जानते हैं, जो उन्हें नजरअंदाज करते हैं।

भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने ट्वीट कर कहा, "किसान संसद से किसानों ने गूंगी-बहरी सरकार को जगाने का काम किया है। किसान संसद चलाना भी जानता है और अनदेखी करने वालों को गांव में सबक सिखाना भी जानता है। भुलावे में कोई न रहे।" उन्होंने किसानों से "भारत की आत्मा और स्वतंत्रता को बचाने" के लिए एकजुट होने का भी आह्वान किया।

टिकैत का ये बयान संसद के पास किसानों के विरोध प्रदर्शन के तीसरे दिन आया, जहां मानसून सत्र चल रहा है। प्रदर्शनकारी "किसान संसद" कहते हैं, जो गुरुवार को जंतर-मंतर पर भारी सुरक्षा के बीच शुरू हुआ।

वहीं शनिवार को ग्वालियर पहुंचे केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा, "संसद तो एक ही होती है, जिसे जनता चुनकर भेजती है, जो यूनियन के लोग ऐसी बातें कर रहे हैं और आंदोलन कर रहे हैं, वह निरर्थक है। हमने कई बार उनसे कहा कि आंदोलन का रास्ता छोड़कर वार्ता का रास्ता अपनाना चाहिए।"

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केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने किसान नेता राकेश टिकैत के बयान पर कहा कि ये किसान आंदोलन नहीं, ये राकेश टिकैत और उनके कुछ समर्थकों का आंदोलन है। किसान अगर आंदोलित होता, तो पूरे देश का किसान आंदोलित होता। किसान BJP के साथ खड़ा है, इसलिए फिर से BJP की ही सरकार बनेगी।


किसान नेताओं ने कहा कि "किसान संसद" के आयोजन के पीछे ये दिखाना था कि आंदोलन अभी भी जिंदा है। पिछले साल सितंबर में संसद द्वारा पारित तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान लगभग आठ महीने से दिल्ली की बॉर्डर- सिंघु, टिकरी और गाजीपुर पर विरोध कर रहे हैं।

किसानों ने कहा था कि जब संसद में मानसून सत्र चलेगा, तब तक हर रोज अलग-अलग 200 किसान सिंघु बॉर्डर से जंतर-मंतर जाएंगे और वहां पहुंच कर किसान संसाद का आयोजन करेंगे।

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