गुजरात, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में गोल्ड हॉलमार्किंग के नियमों को लागू करने की शुरुआत की जा रही है। उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के मुताबिक इन तीन राज्यों में गोल्ड ज्वैलरी और कलाकृतियों की अनिवार्य हॉलमार्किंग के पहले चरण की शुरुआत की जा रही है। गोल्ड हॉलमार्किंग को देश भर में 16 जून से लागू कर दिया गया है। इसकी शुरुआत 256 जिलों से की जा रही है।
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में जानकारी देते हुए कहा था कि अगस्त 2021 तक किसी तरह की पेनाल्टी नहीं ली जाएगी। साथ ही 40 लाख रुपये तक के सालाना कारोबार वाले ज्वैलर्स को अनिवार्य हॉलमार्किंग से छूट दी जाएगी। शुरू में 256 जिलों में इसे क्रियान्वित किया जाएगा। जहां मूल्यवान धातु की शुद्धता की जांच के लिये लैब सेंटर्स हैं।
हॉलमार्किंग से सबसे ज्यादा फायदा ग्राहकों को होता है। इससे ग्राहक सोने की खरीदारी के वक्त होने वाली धोखाधड़ी से बच जाते हैं। केंद्र सरकार ने ज्वैलरी बेचने के लिए नई व्यवस्था को लागू करने के लिए एक समिति भी बनाई है। यह समिति इस व्यवस्था को लागू करने में आने वाली दिक्कतों को भी सुलझाने का काम करेगी।
हॉलमार्किंग अनिवार्य हो जाने के बाद सिर्फ 22 कैरेट, 18 कैरेट और 14 कैरेट की ज्वैलरी ही बिकेगी। अगर कोई भी ज्वैलर बिना हॉलमार्किंग के गोल्ड ज्वैलरी बेचता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दोषी पाए जाने पर एक साल की जेल के अतिरिक्त उस पर गोल्ड ज्वैलरी की वैल्यू का पांच गुना तक पेनल्टी लगाने का भी प्रावधान है।
सोने की हर कैरेट के हॉलमार्क नंबर होता है। ज्वैलर्स 22 कैरेट के लिए 916 नंबर का इस्तेमाल किया जाता है। 18 कैरेट के लिए 750 नंबर का इस्तेमाल करते हैं और 14 कैरेट के लिए 585 नंबर का उपयोग किया जाता है। इन अंकों के जरिए आपको पता चल जाएगा कि सोना कितने कैरेट का है।