भारत ने इस साल दिसंबर के आखिर तक पूरी आबादी का कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ वैक्सीनेशन (Vaccination) करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है, जिसके लिए देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश (UP) को अपने वैक्सीनेशन की स्पीड को लगभग 9 गुना बढ़ाने की जरूरत है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 2021 की जनगणना के अनुसार, राज्य की आबादी और पहले से ही दी गई खुराक की संख्या को ध्यान में रखते हुए, उत्तर प्रदेश ने अब तक पांच महीने से भी कम समय में, अपनी वयस्क आबादी के 12 प्रतिशत से कम को पहली खुराक दी और दूसरी खुराक औसतन 1.4 लाख खुराक एक दिन में सिर्फ 2.5 प्रतिशत अबादी को दी। इससे लक्ष्य को पूरा करने के लिए उसे एक दिन में 13.2 लाख खुराक देने की जरूरत है। यानी अब के आंकड़े से नौ गुना छलांग लगानी होगी।
रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि बिहार, जिसने पहला शॉट 12.6 प्रतिशत और दूसरा शॉट 2.5 प्रतिशत आबादी को दिया है। उसे अपने दैनिक टीकाकरण को एक दिन में 78,000 खुराक से बढ़ाकर एक दिन में 6.6 लाख या 8.4 गुना करने की जरूरत होगी।
वहीं दूसरी ओर, हिमाचल प्रदेश ने अपनी 38.1 प्रतिशत वयस्क आबादी (Adult Population) का वैक्सीनेशन किया है और 7.9 प्रतिशत को पूरी तरह से यानी वैक्सीन की दोनों डोज लगा दी गई है। इसे अपना औसत दैनिक टीकाकरण प्रतिदिन लगभग 18,000 से बढ़ाकर 41,000 प्रतिदिन करना होगा, जो कि दोगुने से थोड़ा ज्यादा है।
18 साल की उम्र से ज्यादा जनसंख्या के मामले में देश के छह सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्यों में से पांच को डेली वैक्सीनेश लेवल को पांच गुना या उससे ज्यादा बढ़ाना पड़ेगा। ये राज्य हैं- उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और मध्य प्रदेश।
वहीं महाराष्ट्र की अगर बात की जाए, तो उसे एक अपवाद के तौर पर लिया जा सकता है। उत्तर प्रदेश के बाद वयस्कों की दूसरी सबसे बड़ी आबादी इस राज्य में है और इसे अपने डेली वैक्सीनेशन को केवल 4.5 गुना बढ़ाने की जरूरत है।