Children Mental Health: पढ़ाई का तनाव बच्चों की मानसिक सेहत को कैसे प्रभावित करता है? जानिए एक्सपर्ट्स की राय

Children Mental Health: पढ़ाई का तनाव बच्चों की मानसिक सेहत पर गंभीर असर डालता है, जिससे वे चिड़चिड़े, असमंजस में या उदास हो सकते हैं। मेडिटेशन जैसे ध्यान अभ्यास से बच्चों की एकाग्रता बढ़ती है, तनाव कम होता है और वे मानसिक रूप से मजबूत बनते हैं।

अपडेटेड Sep 04, 2025 पर 9:24 PM
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आज के समय में बच्चों के ऊपर पढ़ाई का दबाव, प्रतियोगिताओं की दौड़ और सोशल मीडिया का आकर्षण बढ़ चुका है, जिससे उनकी मानसिक सेहत प्रभावित हो रही है। कई माता-पिता यह शिकायत करते हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई में मन नहीं लगा पाते, वे ज्यादा थकावट महसूस करते हैं, और उनकी एकाग्रता कम हो गई है। विशेषज्ञ डॉ. अर्चिका, जो मेडिटेशन की एक्सपर्ट हैं, बताती हैं कि बच्चों की इन समस्याओं का समाधान मेडिटेशन में छुपा है। वह कहती हैं कि ध्यान मन और मस्तिष्क को ऊर्जा देता है, जो उन्हें तनाव मुक्त और आत्मविश्वासी बनाता है।

ध्यान का बच्चों के लिए महत्व

ध्यान यानी मेडिटेशन बच्चों की एकाग्रता बढ़ाने के साथ-साथ तनाव को कम करता है। स्कूल के बच्चों के लिए यह उतना ही महत्वपूर्ण है जितना पोषक आहार। जब बच्चे रोजाना कुछ मिनट ध्यान करते हैं, तो उनकी याददाश्त बेहतर होती है, पढ़ाई में मन लगता है और उनका आत्मबल जागृत होता है। माता-पिता को चाहिए कि वे भी अपने बच्चों के साथ मिलकर रोजाना कम से कम 10 मिनट का ध्यान करें ताकि बच्चों का संपूर्ण व्यक्तित्व निखर सके।


मेडिटेशन से होने वाले लाभ

ध्यान से बच्चों की याददाश्त मजबूत होती है, पढ़ाई और खेल के बीच संतुलन आता है। इसके अलावा, ध्यान मोबाइल और सोशल मीडिया की लत जैसी आदतों से दूर रखने में भी सहायक होता है। यह बच्चों में जीवन के प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करता है, जिससे वे मानसिक रूप से मजबूत बनते हैं और जीवन की चुनौतियों का सामना बेहतर ढंग से कर पाते हैं।

बच्चे कैसे कर सकते हैं मेडिटेशन

मेडिटेशन की शुरूआत गायत्री मंत्र के उच्चारण से हो सकती है, जिसमें बच्चे आराम से बैठकर आंखें बंद कर मंत्र का उच्चारण धीरे-धीरे करते हैं। इसके अलावा श्वास ध्यान में गहरी सांस लेना और छोड़ना शामिल है, जो ध्यान केंद्रित करने में मदद करता है। ओम जप भी एक प्रभावी साधना है, जिसमें बच्चे ओम की ध्वनि पर ध्यान केंद्रित करते हैं, जिससे मन शांत होता है और भटकाव कम होता है।

मेडिटेशन जीवनशैली का एक प्रभावी हिस्सा होना चाहिए, जिसे बचपन से ही अपनाया जाए। ऐसे बच्चे न केवल पढ़ाई में अव्वल होते हैं, बल्कि वे अच्छे इंसान भी बनते हैं, जो जीवन के हर क्षेत्र में सफलता हासिल करते हैं। मेडिटेशन से बच्चों का मस्तिष्क ताजगी और ऊर्जा से भरपूर रहता है, जो उनकी सेहत और पढ़ाई दोनों के लिए लाभकारी है। इस प्रकार, एक सरल और नियमित ध्यान अभ्यास बच्चों के मानसिक और शैक्षिक विकास में अहम भूमिका निभाता है।

Shradha Tulsyan

Shradha Tulsyan

First Published: Sep 04, 2025 9:24 PM

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