आधुनिक जीवनशैली में डेस्क जॉब करने वालों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। लगातार घंटों तक बैठे रहने की आदत दिल की सेहत के लिए अनेक खतरनाक परिणाम लेकर आ सकती है, जिसमें साइलेंट हार्ट अटैक का खतरा भी शामिल है। सामान्य हार्ट अटैक से अलग, साइलेंट हार्ट अटैक में शरीर में ज्यादा चेतावनी संकेत नहीं मिलते, जिससे यह खतरा और भी अधिक गंभीर हो जाता है।
लंबे समय तक बैठने का दिल पर प्रभाव
दिल्ली के अपोलो अस्पताल के कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. वरुण बंसल के अनुसार, लगातार बैठने से ब्लड सर्कुलेशन धीमा पड़ जाता है, जिससे दिल तक खून और ऑक्सीजन पहुंचाने की क्षमता कम हो जाती है। यह स्थिति हार्ट अटैक और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाती है। इसके अलावा, लंबे समय तक बैठने से मोटापा, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, और कमर दर्द जैसी बीमारियों का खतरा भी बढ़ता है।
साइलेंट हार्ट अटैक वह स्थिति होती है जब दिल के रक्त प्रवाह में बाधा आती है लेकिन इसके लक्षण जैसे छाती में दर्द, सांस फूलना, पसीना आना कम या बिलकुल भी नजर नहीं आते। कई बार इस स्थिति को लोग सामान्य थकान, गैस या तनाव समझकर नजर अंदाज कर देते हैं। इस वजह से, मरीज समय पर इलाज नहीं करा पाते और दिल की क्षति बढ़ सकती है।
किन लोगों को है ज्यादा खतरा?
- लंबे समय तक डेस्क पर काम करने वाले
- मोटापे या पेट की चर्बी वाले
- हाई बीपी और डायबिटीज के मरीज
- धूम्रपान करने वाले और शराब पीने वाले
- मानसिक तनाव और नींद की कमी से ग्रस्त लोग
दिल को स्वस्थ रखने के लिए आवश्यक है कि नियमित अंतराल पर उठकर कुछ हल्की स्ट्रेचिंग या चहलकदमी करें। खाने-पीने का विशेष ध्यान रखें, संतुलित आहार लें और धूम्रपान और शराब से दूर रहें। पर्याप्त नींद लें और समय-समय पर स्वास्थ्य जांच कराते रहें।