देश में 1 अक्टूबर (शनिवार) को 5जी टेलीकॉम सेवाएं (5G telecom services) शुरू हो गई हैं। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) आज इसका उद्घाटन किया। माना जा रहा है कि टेलीकॉम सेवाओं के क्षेत्र में इससे क्रांतिकारी बदलाव आएगा। रिलायंस जियो सहित देश की तीनों बड़ी कंपनियां 5जी सेवाएं शुरू करने के लिए तैयार हैं। शुरुआत में यह सेवा बड़े शहरों में शुरू की जा रही है। कंपनियों ने कहा है कि अगले दो साल में पूरे देश में यह सेवा शुरू हो जाएगी।
रिलायंस इंडस्ट्रीज (RIL) ने 29 अगस्त को दिवाली पर 5G सर्विसेज (5G Services) लॉन्च करने का ऐलान किया था। उसने अपनी 45वीं एनुअल जनरल मीटिंग (AGM) में यह ऐलान किया था। उसने कहा था कि रिलायंस जियो स्टैंडअलोन 5G आर्किटेक्चर (Standalone 5G architecture) का इस्तेमाल करेगी। स्टैंडअलोन 5G आर्किटेक्चर क्या है, इसके क्या फायदे हैं, क्या यह 5G की अलग टेक्नोलॉजी है? आइए इन सवालों के जवाब जानते हैं।
क्या सभी स्मार्टफोन पर स्टैंडअलोन 5जी सेवाओं का इस्तेमाल किया जा सकता है?
सभी स्मार्टफोन पर स्टैंडअलोन 5जी चले, यह जरूरी नहीं है। हालांकि, मार्केट में कई स्मार्टफोन हैं, जो ज्यादातर 5जी स्पेक्ट्रम बैंड्स को सपोर्ट करते हैं। कंपनियां स्टैंडएलोन 5जी की कम्पैटिबिलिटी के लिए ओवर-द-एयर अपडेट्स जारी करेंगी।
क्या दूसरे देशों में स्टैंडअलोन 5G का इस्तेमाल हो रहा है?
पांच देशों में कम से कम 7 टेलीकॉम कंपनियां स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रही हैं। उदाहरण के लिए चीन में चाइना मोबाइल, चाइना टेलीकॉम और चाइना यूनिकॉम इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर रही हैं। अमेरिका में टी-मोबाइल ने स्टैंडएलोन 5जी नेटवर्क लाॉन्च किया है। दक्षिण अफ्रीका, कोलंबिया, हांगकांग, सऊदी अरब और ऑस्ट्रेलिया में कंपनियां स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल कर रही हैं।
स्टैंडअलोन 5G आर्किटेक्चर क्या है?
स्टैंडअलोन 5G आर्किटेक्चर का मतलब यह है कि रिलायंस जियो की 5जी सर्विसेज की निर्भरता उसके 4जी नेटवर्क पर नहीं होगी। स्टैंडअलोन 5जी की मदद से रिलायंस जियो की सेवाएं बहुत पावरफुल होंगी। इसमें कम लेटेंसी कनेक्टिविटी, 5जी वॉयस, एज कंप्यूटिंग, नेटवर्क स्लाइस्गिं और मेटावर्स जैसे फायदे मिलेंगे।
Reliance Jio ने कहा है कि अभी ज्यादातर टेलीकॉम कंपनियां 5G सेवाएं देने के लिए नॉन-स्टैंडअलोन 5जी आर्किटेक्चर का इस्तेमाल कर रही हैं। यह असल में 5जी रेडियो सिग्नल होता है, जिसे पहले से मौजूद 4G इंफ्रास्ट्रक्चर पर डिलीवर किया जाता है।
स्टैंडअलोन 5G आर्किटेक्चर में 5जी न्यू रेडियो (NR) एक्सेस नेटवर्क का इस्तेमाल किया जाता है। इससे एलटीई नेटवर्क 4जी वायरलेस कम्युनिकेशंस के इस्तेमाल की जरूरत नहीं रह जाती है। रिलायंस जियो ने कहा है कि नॉन-स्टैंडअलोन 5जी आर्किटेक्चर के इस्तेमाल से भी 5जी सेवाएं लॉन्च की जा सकती हैं, लेकिन इससे ऑरिजिनल 5जी सेवाओं जैसी क्वालिटी नहीं मिलेगी।
रिलायंस ने नीलामी में स्टैंडअलोन 5G स्पेक्ट्रम के कितने रेडियो वेव्स खरीदे?
नीलामी में रिलायंस जियो ने 5G के लिए सबसे ज्यादा और सबसे फायदेमंद वायरलेस स्पेक्ट्रम का मिक्स खरीदा है। इससे जियो दूसरी टेलीकॉम कंपनियों के मुकाबले मजबूत स्थिति में आ गई है। सिर्फ जियो के पास 700 मेगाहर्ट्ज लो-बैंड स्पेक्ट्रम है, जिसका इस्तेमाल डीप इनडोर कवरेज के लिए किया जाता है।
क्या रिलायंस जियो स्टैंडअलोन 5G आर्किटेक्चर का इस्तेमाल करने वाली अकेली टेलीकॉम कंपनी है?
हां, दूसरी टेलीकॉम कंपनियों ने नॉन-स्टैंडअलोन 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल करने का फैसला किया है।