Nagpur Violence: मुगल शासक औरंगजेब की कब्र को लेकर मचे बवाल के बीच महाराष्ट्र के नागपुर में हुई हिंसा के बाद तनावपूर्ण शांति है। नागपुर में सोमवार शाम दो अलग-अलग घटनाओं में भड़की हिंसा के चलते प्रशासन ने कई इलाकों में कर्फ्यू लागू कर दिया है। इस दौरान कई घरों में तोड़फोड़ की गई, एक मेडिकल क्लिनिक को आग के हवाले कर दिया गया और कई वाहन जला दिए गए। इन झड़पों में छह नागरिकों समेत 33 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
नागपुर हिंसा पर ओवैसी ने कही ये बात
पहली घटना शाम करीब साढ़े सात बजे मध्य नागपुर के चिटनिस पार्क इलाके में हुई, जहां दो गुटों के बीच झड़प हो गई। इसके कुछ घंटों बाद, रात 10.30 से 11.30 बजे के बीच हंसपुरी इलाके में, जो ओल्ड भंडारा रोड के पास स्थित है, दूसरी हिंसक घटना सामने आई। वहीं इस घटना के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बयान सामने आया है।
नागपुर हिंसा पर AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, "पिछले कुछ हफ्तों में महाराष्ट्र सरकार के सीएम और दूसरे मंत्री जो बयान दे रहे हैं, उसे देखने की जरूरत है। सबसे ज्यादा भड़काऊ बयान सरकार की तरफ से आ रहे हैं। उन्हें अपनी जिम्मेदारी का अहसास ही नहीं है कि वे मंत्री और सीएम हैं। उन्होंने पूरे महाराष्ट्र में एक खास बादशाह के पुतले जलाए, इस पर कोई प्रतिक्रिया नहीं हुई और उन्हें यह पसंद नहीं आया। इसलिए उन्होंने कपड़े पर कुरान की आयतें लिखीं और उसे जला दिया। जब यह हो रहा था, तब हिंदुओं और मुसलमानों ने डीसीपी से शिकायत की। उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की और उसके बाद हिंसा हुई। यह सरकार और खुफिया विभाग की विफलता है।"
पुलिस कर रही कड़ी कार्रवाई
वहीं हिंसा के बाद नागपुर पुलिस ने महल इलाके में व्यापक तलाशी अभियान चलाया, जिसमें अब तक 15 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 50 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है। पुलिस आयुक्त रविंदर सिंघल ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों की पहचान की जा रही है। अधिकारियों ने बताया कि, सीसीटीवी फुटेज और मोबाइल वीडियो की जांच की जा रही है ताकि उपद्रवियों की पहचान की जा सके। मामले में प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है, और पुलिस हालात पर कड़ी नजर बनाए हुए है।