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Bengaluru Metro में कदम रखना मुश्किल, वर्क फ्रॉम होम खत्म होने से जबरदस्त भीड़, जानिए कब चलेंगी नई ट्रेनें

Bengaluru Metro: गूगल, एमेजॉन, मेटा, फ्लिपकार्ट, टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएलटेक, कॉग्निजेंट और अन्य कंपनियों ने कर्मचारियों को ऑफिस से काम करने के लिए अनिवार्य कर दिया है। TCS ने कहा कि अटेंडेंस से वेरिएबल पे को जोड़ने की नई पॉलिसी के बाद उसके करीब 70 फीसदी कर्मचारी अब ऑफिस में वापस आ गए हैं

MoneyControl Newsअपडेटेड Jul 12, 2024 पर 11:15 PM
Bengaluru Metro में कदम रखना मुश्किल, वर्क फ्रॉम होम खत्म होने से जबरदस्त भीड़, जानिए कब चलेंगी नई ट्रेनें
हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में दो यात्रियों को भीड़ भरी मेट्रो ट्रेन के अंदर एक-दूसरे से लड़ते हुए भी देखा गया था।

भीड़भाड़ वाले कोच, बीच रास्ते में ट्रेनें रुक जाना, भीड़ के चलते दरवाजे बंद न होना और झगड़े होना। बेंगलुरु मेट्रो की 43 किलोमीटर लंबी पर्पल लाइन पर सफर करने वाले यात्रियों के लिए ये अब रोज़मर्रा की बात हो गई है। पर्पल लाइन वेस्ट बेंगलुरु में चलघट्टा को ईस्ट बेंगलुरु में कडुगोडी (व्हाइटफील्ड) से जोड़ती है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में दो यात्रियों को भीड़ भरी मेट्रो ट्रेन के अंदर एक-दूसरे से लड़ते हुए भी देखा गया था। बेंगलुरु मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (BMRCL) के अधिकारियों का कहना है कि टेक कंपनियों द्वारा कर्मचारियों को ज्यादातर दिन ऑफिस से काम करने पर जोर दिए जाने के बाद पर्पल लाइन पर यात्रियों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है।

गूगल, एमेजॉन, मेटा, फ्लिपकार्ट, टीसीएस, इंफोसिस, विप्रो, एचसीएलटेक, कॉग्निजेंट और अन्य कंपनियों ने कर्मचारियों को ऑफिस से काम करने के लिए अनिवार्य कर दिया है। उदाहरण के लिए, TCS ने कहा कि अटेंडेंस से वेरिएबल पे को जोड़ने की नई पॉलिसी के बाद उसके करीब 70 फीसदी कर्मचारी अब ऑफिस में वापस आ गए हैं।

8 लाख तक पहुंच जाती है यात्रियों की संख्या

BMRCL के अधिकारियों ने बताया कि कई दिन यात्रियों की संख्या 8 लाख तक पहुंच जाती है। एक अधिकारी ने कहा, "हम हर दिन यात्रियों की संख्या में वृद्धि देख रहे हैं, क्योंकि अधिकांश टेक कंपनियां कर्मचारियों को ऑफिस लौटने पर जोर दे रही हैं। हम भीड़भाड़ को कम करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं, जिसमें नादप्रभु केम्पेगौड़ा मैजेस्टिक इंटरचेंज स्टेशन से व्हाइटफील्ड की ओर शॉर्ट-लूप सर्विसेज ऑपरेट करना शामिल है। अगले साल नई ट्रेनें शुरू होने के बाद स्टेशनों और ट्रेनों में भीड़ कम हो जाएगी।"

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