कमोडिटी की कीमतों में बढ़ोतरी से राहत मुहैया कराने के लिए केंद्र सरकार ने 6 नवंबर को 'भारत आटा' लॉन्च किया है। यह आटा पूरे देश में सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाएगा। केंद्र सरकार की कुछ एजेंसियों को 21.5 रुपये प्रति किलो के हिसाब से 2.5 लाख मेट्रिक टन गेहूं आवंटित किया गया है। ये एजेंसियां इस गेहूं को आटे में बदलकर इसे 27.5 रुपये प्रति किलो पर बेचेंगी।
खाद्य और सार्वजनिक वितरण मंत्री पीयूष गोयल ने 6 नवंबर को इस प्रोडक्ट को लॉन्च करते हुए कहा, 'भारत सरकार ने किसानों और कंज्यूमर्स, दोनों के हितों के लिए कुछ कदम उठाए हैं। कीमतों में बढ़ोतरी से परेशान लोगों को राहत मुहैया कराने के लिए हमने हमेशा खाद्य सामग्री को खरीदकर इसे सब्सिडी पर बेचा है। हमारी सरकार ने टमाटर के मामले में भी ऐसा ही किया और इससे कीमतों को कम करने में मदद मिली। इसके बाद हमने 'भारत दाल' लॉन्च किया और अब हम प्याज के साथ ही ऐसा कर रहे हैं।'
महंगाई दर में तेजी से निपटने के लिए कंज्यूमर अफेयर्स डिपार्टमेंट ने पॉलिसी लेवल पर भी कई उपाय किए हैं, जिसमें एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाने से लेकर पाबंदी जैसे उपाय शामिल हैं। सरकार का हालिया कदम ऐसे वक्त पर आया है, जब आटा देश में औसतन 36 रुपये प्रति किलो बिक रहा है। कंज्यूमर्स अफेयर्स डिपार्टमेंट के आंकड़ों के मुताबिक, यह पिछले साल के मुकाबले 5.6 पर्सेंट ज्यादा है।
भारत में सितंबर में खुदरा महंगाई दर तीन महीने के निचले स्तर यानी 5.02 पर्सेंट पर पहुंच गई। हालांकि, अब भी यह रिजर्व बैंक (RBI) के मीडियम टर्म टारगेट (4 पर्सेंट) से काफी ज्यादा है। 'भारत आटा' की बिक्री 700 मोबाइल वैन और 2,000 सरकारी आउटलेट की बिक्री के जरिये की जाएगी। फेस्टिव सीजन के आगमन के साथ ही देश के कई हिस्सों में गेहूं और गेहूं आधारित उत्पादों की कीमतें बढ़ गई हैं। कंज्यूमर्स अफेयर्स सेक्रेटरी रोहित सिंह का कहना था कि अगर किसी और कमोडिटी की कीमतें बढ़ेंगी, तो महंगाई दर घटाने के लिए सरकार कुछ और ऐसे कदम उठाएगी।