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'ये तो लॉलीपॉप है...', बिहार चुनाव से पहले राज्य में सस्ती हुई बिजली तो लोगों का आया ऐसा रिएक्शन

बिहार सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए बिजली की दरें कम कर दी हैं। राज्य के 2.7 करोड़ उपभोक्ताओं को 15 पैसे प्रति यूनिट सस्ती बिजली मिलेगी। कारण-बिजली संचरना दुरुस्त होने से 39.09 प्रतिशत बिजली लॉस में कमी आई है। वहीं राज्य में चुनाव से पहले सरकार के इस फैसले को लोग किस तरह से देखतें हैं, पढ़ें ये खबर

अपडेटेड Jan 05, 2025 पर 6:48 PM
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बिहार में सस्ती हुई बिजली तो लोगों का आया ऐसा रिएक्शन

Bihar News : चुनाव आते ही राजनीतिक पार्टियां वोटरों को लुभाने के लिए बड़े-बड़े वादे कर देती हैं। इसे ही राजनीतिक भाषा में फ्रीबीज या रेवड़ी कल्चर कहा जाता है। देश में अक्सर देखा गया है कि चुनाव आते ही केंद्र से लेकर राज्य सरकारें, फ्रीबीज का एलान करती हैं। वहीं हाल ही में बिहार सरकार ने ऐसा ही कुछ ऐलान किया है। बिहार में बिजली उपभोक्ताओं को साल की शुरुआत में ही नीतीश सरकार ने बड़ी राहत दी है। अब राज्य में 15 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती मिलेगी। इससे राज्य के 2.7 करोड़ उपभोक्ताओं को सीधा लाभ मिलेगा। बिहार सरकार के इस फैसले को लोग चुनाव से जोड़ कर देख रहे हैं।

इस साल होना  है बिहार में चुनाव

बिजली बिल को सस्ता करने के पीछे सरकार का मानना है कि यह सस्ती बिजली दर करने का मुख्य कारण बिजली की संरचना में सुधार है। बता दें कि इस साल राज्य में विधानसभा का चुनाव भी होना है. ऐसे में अब यह फैसला सरकार के द्वारा जो लिया गया है, इस पर आदमी का क्या सोचना है। आइए जानते हैं।


सरकार के फैसले पर जनता की राय

नीतीश सरकार के इस फैसले पर कुछ लोगों का कहना है कि सरकार को और सस्ती दरों पर बिजली मुहैया करानी चाहिए और बिजली बिल की समस्याओं को भी हल करना चाहिए, अन्यथा सरकार को जनता की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। वहीं, कुछ लोग यह मानते हैं कि भले ही यह राहत थोड़ी कम है, लेकिन यह एक अच्छी शुरुआत है। जैसे-जैसे बिजली विभाग को फायदा होगा, वैसे-वैसे आम लोगों को भी अधिक राहत दी जाएगी।

लोगों ने बताया चुनावी लॉलीपॉप

बिहार केजहानाबाद जिला के लखावर के रहने वाले जहानाबाद जिला के लखावर गांव के उदय राय ने कहा कि सरकार को और सस्ती बिजली देनी चाहिए, खासकर गरीबों को पूरी बिल माफ करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को चुनावी समय में नहीं, बल्कि हमेशा के लिए जनता को राहत देनी चाहिए। वहीं, घोसी के राम नरेश ने बताया कि यह फैसला कोई खास फायदा नहीं देगा। उनका मानना है कि बिजली विभाग का निजीकरण आम लोगों के लिए सही नहीं है और इसे सुधारने की जरूरत है।

कुछ लोगों का कहना है कि यह फैसला सिर्फ चुनावी लॉलीपॉप है, इससे आम जनता को कोई खास लाभ नहीं मिलेगा। वे चाहते हैं कि गरीबों को कम से कम 100 यूनिट बिजली हर महीने मुफ्त मिलनी चाहिए। घोसी के सुनील कुमार ने कहा कि यह एक अच्छी शुरुआत है, लेकिन धीरे-धीरे और सुधार किए जा सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि बिहार सरकार को दिल्ली की केजरीवाल सरकार की तरह मुफ्त बिजली देने का काम नहीं करना चाहिए। केजरीवाल सरकार की तरह मुफ्त रेवड़ी देकर जनता को भ्रमित करने का काम सरकार को नहीं करना है न। जैसे जैसे मुनाफा होगा वैसे वैसे रियायतें लोगों को दी जाएगी। इस तरह, बिहार में बिजली बिल सस्ते करने के इस फैसले पर लोगों की मिली-जुली प्रतिक्रियाएं सामने आई हैं।

MoneyControl News

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First Published: Jan 05, 2025 6:42 PM

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