अवैध तरीके से अमेरिका भेजने में कनाडा के कॉलेज भी शामिल? ED ने शुरू की जांच

ED in Action: केंद्रीय जांच एजेंसी एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) कनाडा सीमा से अमेरिका में भारतीयों की तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कनाडा के कुछ कॉलेजों और कुछ भारतीय एंटिटीज के शामिल होने की जांच कर रही है। यह जांच गुजरात के डिंगुचा गांव के चार सदस्यीय भारतीय परिवार की मौत से जुड़ी है

अपडेटेड Dec 25, 2024 पर 1:32 PM
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ईडी के मुताबिक एक रैकेट के तहत आरोपियों ने अवैध तरीके से अमेरिका जाने की कोशिश करने वालों की कनाडा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश की व्यवस्था की।

ED in Action: केंद्रीय जांच एजेंसी एंफोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ED) कनाडा सीमा से अमेरिका में भारतीयों की तस्करी (ह्यूमन ट्रैफिकिंग) से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कनाडा के कुछ कॉलेजों और कुछ भारतीय एंटिटीज के शामिल होने की जांच कर रही है। यह जांच गुजरात के डिंगुचा गांव के चार सदस्यीय भारतीय परिवार की मौत से जुड़ी है। यह परिवार 19 जनवरी 2022 को कनाडा-अमेरिका सीमा को अवैध रूप से पार करने की कोशिश करते समय अत्यधिक ठंड के कारण मरा था। ईडी का कहना है कि यह जांच अहमदाबाद पुलिस की एफआईआर पर हो रही है।

क्या हैं आरोप?

एफआईआर में भवेश अशोकभाई पटेल को मुख्य आरोपी बताया गया है, और कुछ अन्य लोगों के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (PMLA) की आपराधिक धाराओं के तहत शिकायत दर्ज की गई है। इन पर आरोप है कि उन्होंने अवैध चैनल्स के जरिए भारतीयों को कनाडा के रास्ते अमेरिका भेजने के लिए एक सोची-समझी साजिश रची थी जो मानव तस्करी है।


ED की जांच में अब तक क्या आया सामने?

ईडी ने पहले पाया था कि इस रैकेट के तहत आरोपियों ने अवैध तरीके से अमेरिका जाने की कोशिश करने वालों की कनाडा के कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश की व्यवस्था की। फिर उनके लिए कनाडा के लिए स्टूडेंट वीजा आवेदन कर इसे हासिल किया गया। जब वे कनाडा पहुंचे तो कॉलेज जाने की बजाय उन्होंने अवैध रूप से अमेरिका-कनाडा बॉर्डर पार की। कनाडा के कॉलेजों ने फीस वापस उनके खाते में लौटा दिया। हालांकि भारतीयों को इस तरीके से अमेरिका जाने का लालच दिया जाता है। इसमें हर शख्स से 55-60 लाख रुपये लिए जाते हैं।

इस मामले में ईडी ने 10 और 19 दिसंबर को मुंबई, नागपुर, गांधीनगर और वडोदरा में आठ स्थानों पर फिर से छापेमारी की। जांच में सामने आया कि मुंबई और नागपुर की दो एंटिटीज ने कमीशन के आधार पर विदेशी विश्वविद्यालयों में भारतीयों के प्रवेश के लिए एग्रीमेंट किया था। इसमें से एक एंटिटी हर साल करीब 25,000 स्टूडेंट्स को और दूसरी एंटिटी 10,000 से अधिक छात्रों को विदेशी कॉलेजों में भेजती है। इसके अलावा ईडी को यह भी जानकारी मिली है कि देश में लगभग 3,500 एजेंट्स हैं और गुजरात में करीब 1,700 एजेंट्स हैं। इनमें से लगभग 800 सक्रिय हैं।

ईडी की जांच में यह भी सामने आया है कि कनाडा के करीब 112 कॉलेजों ने एक एंटिटी के साथ और 150 से अधिक कॉलेजों ने दूसरी एंटिटी के साथ एग्रीमेंट किया है। अब इस मामले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है। ईडी को संदेह है कि कनाडा में कुल 262 ऐसे कॉलेजों में से कुछ, जो कनाडा-अमेरिका सीमा के पास स्थित हैं, भारतीय नागरिकों की तस्करी में शामिल हो सकते हैं। ईडी ने इस मामले में 19 लाख रुपये का बैंक डिपॉजिट्स, कुछ साक्ष्य दस्तावेज और डिजिटल डिवाइसों को फ्रीज कर दिया है, और दो वाहनों को जब्त किया है।

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