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GST on All Used Cars: पुरानी कारों की बिक्री पर 18% जीएसटी, ऐसे होगा कैलकुलेशन

GST on All Used Cars: जीएसटी काउंसिल ने 21 दिसंबर को स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक वीईकल समेत अब सभी पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगी। इससे पहले 1200 सीसी या उससे अधिक और लंबाई 4000 मिमी या उससे अधिक वाली पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों के साथ-साथ 500 सीसी या उससे अधिक और लंबाई 4000 मिमी वाली डीजल से चलने वाली गाड़ियों और SUV (स्पोर्ट्स यूटिलिटी वीईकल) की बिक्री पर ही 18 फीसदी की जीएसटी लगती थी

अपडेटेड Dec 25, 2024 पर 10:05 AM
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आशंका जताई जा रही है कि पुरानी कारों की बिक्री पर जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी से 3200 करोड़ डॉलर के इस बिजनेस सेगमेंट को झटका लग सकता है। (File Photo- Pexels)

GST on All Used Cars: जीएसटी काउंसिल ने 21 दिसंबर को स्पष्ट किया कि इलेक्ट्रिक वीईकल समेत अब सभी पुरानी गाड़ियों की बिक्री पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगी। इससे पहले 1200 सीसी या उससे अधिक और लंबाई 4000 मिमी या उससे अधिक वाली पेट्रोल से चलने वाली गाड़ियों के साथ-साथ 500 सीसी या उससे अधिक और लंबाई 4000 मिमी वाली डीजल से चलने वाली गाड़ियों और SUV (स्पोर्ट्स यूटिलिटी वीईकल) की बिक्री पर ही 18 फीसदी की जीएसटी लगती थी। हालांकि यहां यह ध्यान देना जरूरी है कि 18 फीसदी की दर से जो ये जीएसटी लगेगी, वह तभी लगेगी, जब बिजनेसेज इसे खरीदेंगे, इंडिविजुअल्स के बीच लेन-देन पर यह नहीं लगेगा। साथ ही यह पर्चेज प्राइस और सेलिंग प्राइस के अंतर पर कैलकुलेट होगा और इसमें क्लेम की गई डेप्रिसेटेड वैल्यू भी शामिल है। इंडिविजुअल्स के बीच पुरानी कारों के लेन-देन पर अभी भी 12 फीसदी की दर से ही टैक्स लगेगा।

क्या है जीएसटी काउंसिल के फैसले का मतलब?

अगर किसी रजिस्टर्ड शख्स ने इनकम टैक्स 1961 के सेक्शन 32 के तहत डेप्रेशिएशन का दावा किया गया है तो सप्लायर के मार्जिन पर जीएसटी लगेगी जोकि सेल प्राइस और डेप्रेशिएशन के बाद की वैल्यू का अंतर है। वहीं बाकी मामलों में सेल प्राइस और पर्चेज प्राइस के बीच के फर्क पर जीएसटी लगेगी। हालांकि अगर यह मार्जिन निगेटिव है तो जीएसटी नहीं लगेगी।


उदाहरण के लिए यदि किसी रजिस्टर्ड पर्सन ने 20 लाख में खरीदी हुई पुरानी कार को 10 लाख रुपये में बेचा और इस पर इनकम टैक्स एक्ट के नियमों के तहत 8 लाख रुपये के डेप्रेशिएसन का दावा किया गया है तो इसकी बिक्री पर कोई जीएसटी नहीं लगेगी क्योंकि सेल प्राइस (10 लाख रुपये) और डेप्रेसिएटेड वैल्यू (12 लाख रुपये) का फर्क निगेटिव है। वहीं अगर डेप्रेसिएटेड वैल्यू 12 लाख रुपये पर बना हुआ है और सेलिंग प्राइस 15 लाख रुपये है तो इनके फर्क 3 लाख रुपये पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगी।

वहीं अगर किसी रजिस्टर्ड पर्सन ने 12 लाख रुपये में खरीदी कार को इस्तेमाल के बाद 10 लाख रुपये में बेची है तो इस पर जीएसटी नहीं लगेगी क्योंकि मार्जिन निगेटिव है लेकिन अगर खरीद प्राइस 20 लाख रुपये और सेल प्राइस 22 लाख रुपये रही होती तो 2 लाख रुपये के मार्जिन पर 18 फीसदी की दर से जीएसटी लगेगी।

पुरानी कारों की बिक्री को लगेगा झटका?

आशंका जताई जा रही है कि पुरानी कारों की बिक्री पर जीएसटी की दरों में बढ़ोतरी से 3200 करोड़ डॉलर के इस बिजनेस सेगमेंट को झटका लग सकता है। पुरानी कारों की बिक्री से जुड़े ऑनलाइन प्लेटफॉर्म Cars24 के को-फाउंडर और सीईओ विक्रम चोपड़ा का कहना है कि देश में 10 फीसदी से कम ही लोगों के पास खुद की कार है तो ऐसे में जीएसटी हाइक जैसे फैसले से इसकी ग्रोथ को झटका लग सकता है।

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